स्पेशल रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारत की “नीतियों” को लेकर यूक्रेन के विदेश मंत्री ने किया तारीफ, इस दौरान अपने दर्द को भी किया साझा – राकेश पांडेय/रविशंकर मिश्र


यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमेत्रो कुलेबा साभार-(सोशल मीडिया)

कीव/नई दिल्ली। यूक्रेन संकट के बीच बुधवार को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने रूस-यूक्रेन जंग के दौरान भारत के रुख की तारीफ करते हुए यह भी साफ कर दिया कि “तटस्थता” ऐसी स्थिति है जो युद्ध को रोकने में कभी भी मदद नहीं कर सकती। बता दें कि भारत लगातार रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को जंग को तत्काल रोकने की अपील करता रहा है और दोनों देशों के बीच “कूटनीतिक” वार्ता पर जोर देता रहा है। जबकि,यूक्रेन भारत के इस रुख से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं दीख रहा है। वह चाहता है कि भारत खुलकर यूक्रेन का पक्ष लें जो कि भारत के लिए असंभव है।

भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर साभार-(सोशल मीडिया)

दरअसल,रूस-यूक्रेन के बीच जब से जंग शुरू हुई है,तभी से दुनिया दो खेमों में बंट गई है। एक तरफ कुछ देश रूस के साथ खड़े दीख रहे तो वहीं दूसरी तरफ नाटों देशों के साथ दुनिया के कई देश खुलकर यूक्रेन का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। जबकि भारत इस जंग की शुरुआत से ही “गुट निरपेक्ष” और “तटस्थता” की राह पर है। हालांकि इस दौरान भारत कई बार शांति के पक्ष का समर्थन करता दिखा,इसके अलावा भारत ने यूक्रेन को तमाम तरह की मदद भी पहुंचाया जैसे दवाईंयां और राशन भी।

बताते चले कि एक भारतीय मीडिया समूह से बुधवार को बातचीत के दौरान यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि तटस्थता एक ऐसी स्थिति है जो युद्ध को रोकने में मदद नहीं करती है। इसी कड़ी में उन्होंने आगे भी कहा कि हम यूक्रेन के लिए भारत के नेतृत्व की ओर से आ रही सहानुभूति की सराहना करते हैं। हम भारत की स्थिति की भी सराहना करते हैं कि युद्ध को रोकना चाहिए। लेकिन इन परिस्थितियों में तटस्थता वह स्थिति है जो युद्ध को रोकने में मदद नहीं करती है। युद्ध को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि यूक्रेन का समर्थन किया जाए और रूस को इस भ्रम के साथ छोड़ दिया जाए कि वह युद्ध जीत सकता है।

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