CDS जनरल विपिन रावत (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। लद्दाख बार्डर पर चीन से जारी गतिरोध के बीच आज से भारतीय सेना की चार दिवसीय टाप आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू हो रही है, बताया जा रहा है कि ये कमांडर कॉन्फ्रेंस 28 अक्टूबर तक चलेगा। इस कॉन्फ्रेंस में थलसेना प्रमुख सहित सेना की सभी सातों कमान के प्रमुख आर्मी कमांडर्स और प्रिसिंपल स्टाफ ऑफिसर्स हिस्सा लेंगे।
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ नरवणे (फाईल फोटो)
सेना के प्रवक्ता के हवाले से यह बताया गया है कि इस कॉन्फ्रेंस को रक्षा मंत्री,चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत सहित देश के वायुसेना और नौसेना चीफ भी संबोधित कर सशस्त्र सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और एकीकरण पर जोर देंगे।
भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान (फाईल फोटो)
कहा जा रहा है कि इस कॉन्फ्रेंस के जरिए थलसेना के टॉप कमांडर रक्षा मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा का एक औपचारिक मंच भी है। इस सम्मेलन के दौरान भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व द्वारा वर्तमान और उभरती सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर मंथन तो किया जाएगा ही, सीमाओं पर स्थिति और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जाएगी, यह कॉन्फ्रेंस सुबह 10 बजे साउथ ब्लॉक में होगी।
कहने को तो यह रूटिन कांफ्रैंस बताया जा रहा है लेकिन विशेषज्ञ इसे लद्दाख बार्डर पर जारी गतिरोध के साथ जोड़ कर देख रहे है।