
लद्दाख बार्डर भारतीय सेना की कानवाई (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। लद्दाख बार्डर पर दुश्मन के साथ जारी सैन्य वार्ता सफल नहीं रही जिस वजह से सीमा विवाद के बीच दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बाउंड्री में सैन्य गतिविधियां, बुनियादी ढांचे का विकास, निगरानी और युद्धाभ्यास को बढ़ा दिया है।
बताया जा रहा है कि 18 महीनों से जारी सीमा विवाद को सुलझाने में सैन्य वार्ताएं लगभग असफल रहीं। वहीं विवादित इलाके में चीनी फौज की कार्रवाईयों के जवाब में भारत ने भी सैन्य गतिविधि बढ़ाई है और वह किसी भी आकस्मिकता के लिए तैयार रहने के लिए भी हर सार्थक कदम उठा रहा है।

फाईल फोटो
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल दो बार चीन और भारत के सैनिक तनाव वाले क्षेत्रों से पीछे हटे हैं लेकिन अभी भी दोनों देशों की सेनाएं की करीब 50 से 50 हजार की नफरीं हथियारों के साथ तैनात हैं। बीते हफ्ते जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि बीजिंग विवाद को सुलझाने के लिए जारी वार्ता के बावजूद एलएसी पर अपने दावे को मजबूत करने के लिए लगातार विस्तारवादी और सामरिक रणनीति अपना रहा है।

भारतीय सैन्य अधिकारी (फाईल फोटो)
उल्लेखनीय है कि बीते 10 अक्टूबर को 13वें दौर की वार्ता के दौरान चीनी सेना को भारतीय सेना ने शेष क्षेत्रों में विवाद सुलझाने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं था और न ही उनकी तरफ से आगे के लिए कोई प्रस्ताव पेश किया गया। वहीं, चीन ने भारत पर अतार्किक और अव्यावहारिक मांग करने का आरोप लगाया।
