रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। देश की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख आर्मी कमांडरों का चार दिवसीय कांफरेंस आज से शुरू हो गया। इस दौरान देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सेना के कमांडरों से संवाद किया। इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भावी रक्षा चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और उच्च गुणवत्ता वाली हथियार प्रणालियों के उत्पादन के लिए कई पहल की हैं। उन्होंनें आगे बताया कि साल 2020 और 2021 में अंतरिक्ष और साइबर स्पेस सहित एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षेत्रों में नए क्षितिज की खोज की गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाईल फोटो)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हवाले से बताया गया कि साल 2020 और 2021 में विश्व मंथन ने अंतरिक्ष साइबर स्पेस, भविष्य की क्षमताओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक-चेन, ऑगमेंटेड आदि जैसी विघटनकारी तकनीकों सहित एयरोस्पेस और रक्षा निर्माण क्षेत्रों में नए क्षितिज की खोज को देखा है। भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र की सराहना करते हुए, सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र नई ऊंचाइयों पर चढ़ने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण क्षेत्र आज नई ऊंचाइयों पर चढ़ने के लिए तैयार है।
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पिछले 5 वर्षों में भारत के निर्यात की वृद्धि के बारे में बात करते हुए राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पिछले 5 वर्षों में रक्षा निर्यात में 334 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब भारत 75 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार रक्षा आधुनिकीकरण और क्षमताओं के विकास का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है,और हमने पिछले वर्ष की तुलना में 2021-22 के वार्षिक बजट में रक्षा पूंजी परिव्यय में 18.75 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह पिछले 15 साल में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है।
यूं तो इस आर्मी कांफ्रैंस को सेना का रूटिन कार्यवाही का हिस्सा बताया जा रहा है लेकिन जानकार इस सम्मेलन को लद्दाख बार्डर पर चीन द्वारा जारी गतिरोध से जोड़ कर देख रहे हैं।