इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

1965 में भारत-पाक जंग के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंत राय के हैलीकॉप्टर को जब पाकिस्तानी पायलट ने अकारण हीं मार गिराया, हमले में कुल 7 लोग मारे गए, घटना के 47 साल बाद पाक पायलट ने मांगी माफी – चंद्रकांत मिश्र/राकेश पांडेय

नई दिल्ली। बात वर्ष 1965 की है उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था,उस समय देश के गुजरात राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता थे। घटना के दिन बलवंत राय सपरिवार एक हैलीकॉप्टर में सवार होकर सीमावर्ती इलाके में एक निजी हवाई दौरे पर थे, इसी समय पाकिस्तानी एयरफोर्स के पायलट ने अपने फ्लाइंग फील्डिंग के दौरान इस भारतीय हैलीकॉप्टर को इंटरसेफ्ट किया, फिर उस पाकिस्तानी पायलट ने तत्काल इसकी सूचना पाक एयरफोर्स के ग्राउंड कंट्रोल हेडक्वार्टर्स को पास किया जहां से परमीशन मिलने पर उसने इस भारतीय हैलीकॉप्टर को मार गिराया। इस हमले में बलवंत राय सहित कुल सात सदस्यों की अकारण मौत हो गई।

बताते चले घटना के दिन बलवंत राय के साथ उनकी पत्नी सरोज बेन, स्टाफ के तीन सदस्य,एक पत्रकार और दो क्रू मेंबर भी शामिल थे। ये सभी उस 19 सितंबर 1965 को अकारण मार दिये गए,यह घटना उस समय हुई जब भारत और पाकिस्तान का युद्ध अपने चरम पर था। घटना के 46 साल बाद पाकिस्तानी फाइटर एयरक्राफ्ट के तत्कालीन पायलट ने मेहता के हेलिकॉप्टर बीचक्राफ्ट के पायलट की बेटी को पत्र लिखकर माफी मांगा,भारतीय पायलट की बेटी ने भी पत्र का जवाब दिया और पिता के हत्यारे पायलट को माफ कर दिया।

कहा जाता है कि घटना के दिन यानि 19 सितंबर 1965 को बलवंत राय (तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात) ने मीठापुर में ठहरने के बाद कच्छ की सीमा के लिए हैलीकॉप्टर से उड़ान भरी थी जो कि कच्छ की सीमा अहमदाबाद से 400 किमी दूर है,मीठापुर से उड़ान भरने के बाद बलवंत मेहता के हेलिकॉप्टर को पाकिस्तानी फाइटर पायलट कैश हुसैन ने अपने फ्लाइंग फिलडिगं के दौरान इंटरसेप्ट किया यानि देख लिया

फिर इस पाकिस्तानी एयरफोर्स का पायलट अपने फाइटेर जेट को 20 हजार फीट की ऊंचाई पर इंडियन एयरस्पेस में प्रवेश किया और फिर 3000 फीट की ऊंचाई पर आया,जिस ऊंचाई पर भारतीय हेलिकॉप्टर उड़ रहा था।

इस पाकिस्तानी पायलट ने इस भारतीय हैलीकॉप्टर का मैसेज तत्काल पाकिस्तानी एयरफोर्स के ग्राउंड कंट्रोल को पास किया और अनुमति का इंतजार करते हुए पाक पायलट कैश हुसैन ने भारतीय हेलिकॉप्टर के चक्कर लगाते हुए घेरा डाल लिया,इस दौरान पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट को देखते ही भारतीय हैलीकॉप्टर का पायलट ने अपने हैलीकॉप्टर कोडिंग पंखे हिलाने शुरू कर दिए,यानि दुश्मन हम पर दया करे और छोड़ दिए जाने का इशारा था। उस समय उस भारतीय हेलिकॉप्टर को गुजरात सरकार के मुख्य पायलट जहांगीर एम. इंजीनियर उड़ा रहे थे, इंजीनियर भारतीय वायुसेना में पायलट और सह पायलट के रूप में अपनी सेवा दे चुके थे।

इस बीच पाकिस्तानी पायलट हुसैन को पाक एयरफोर्स के ग्राउंड कंट्रोल ने इस भारतीय हैलीकॉप्टर पर फायर करने की अनुमति दे दिया,अनुमति मिलते ही पाक पायलट ने हवा में दो फायर किए,मीठापुर से 100 किलोमीटर दूर सुथाली गांव के ऊपर दोनों फायर ने बलवंत मेहता के हेलिकॉप्टर को हिट कर गया और बीचक्राफ्ट हेलिकॉप्टर में विस्फोट हो गया, धरती पर गिरने से पहले हेलिकॉप्टर आग का गोला बन गया। फिर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के विषय में ऑल इंडिया रेडियो ने घटना की खबर को सार्वजनिक कर दिया।
इस घटना के संदर्भ में एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार उस दिन सेना के अधिकारियों ने बलवंत राय को सीमावर्ती इलाके में हवाई यात्रा न करने का सुझाव दिए थे लेकिन बलवंत राय नही माने और अपने जिम्मेदारी पर इस खतरनाक हवाई उडा़न पर निकल पड़े और सात लोगों के साथ अकारण काल के गाल में समा गए।

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