अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से तालिबान अपने नियम-कानून थोपना शुरू कर चुका है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान के नए कानून इस्लामी को आधार मानकर बनाया जा रहा है। इस सबके बीच ही तालिबान ने अफगानिस्तान के कई जेलों से करीब 2,300 कैदियों को आजाद कर दिया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट मुताबिक इन कैदियों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आंतकी संगठन से जुड़े लड़ाके बंद थे।
पिछले कुछ दिनों में तालिबान ने कंधार, बगराम और काबुल के तालिबान कैदियों को आजाद कर दिया है। रिहा होने वालों में TTP के पूर्व उप प्रमुख मौलवी फकीर मोहम्मद भी शामिल है जो पाकिस्तान विरोधी आतंकी संगठन है। उनकी रिहाई अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों के लिए नया खतरा पैदा कर सकती है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि मौलवी फकीर को फरवरी 2013 में नंगरहार में अफगान सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया था।
बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के अफगानिस्तान के भाग जाने के बाद तालिबान ने राजधानी काबुल सहित करीब-करीब पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। काबुल में अपना दूतावास बंद करने के बाद अमेरिका परेशान है कि अफगानिस्तान एक बार फिर से दुनिया के आंतक का अड्डा बन सकता है और आतंकी ग्रुप्स फिर से एक होकर तबाही फैला सकते हैं। अमेरिकी जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ अध्यक्ष मार्क मिले ने कहा है कि जल्द ही आतंकी संगठन एक होकर आतंक फैलाना शुरू कर सकते हैं।