NIA की टीम (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। रिपोर्ट है कि राष्ट्रीय जांच ऐजेंसी की तीन सदस्यों वाली एक टीम इस समय कनाडा के चार दिवसीय दौरे पर है,बताया जा रहा है कि देश में प्रतिबंधित खालिस्तान संगठन को संगठन के समर्थकों द्वारा कई एनजीओं के माध्यम से फंडिंग की गई है और इस प्रकरण की जांच के लिए भारतीय ऐजेंसी इस समय कनाडा पहुंच चुकी है। NIA के इस टीम को एक सीनियर IPS लीड कर रहे हैं और वे भी टीम के साथ ही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐजेंसी के राडार पर सिख्स फॉर जस्टिस के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे संगठन भी हैं। इन संगठनों को कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी के रास्ते फंडिंग मिलने का संदेह है। इसी कड़ी की जांच के लिए ऐजेंसी इस समय विदेशी दौरे पर है जिसमें एक टीम कनाडा पहुंची हुई है।
सूत्रों का कहना है कि इस साल 26 जनवरी के मौके पर किसान आंदोलन के दौरान इन संगठनों द्वारा ऐलान किया गया था कि 26 जनवरी को लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को ढाई लाख डॉलर का इनाम दिया जाएगा। यही नहीं इस संगठन से जुड़े आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो में किसान आंदोलन को 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से जोड़ने का भी प्रयास किया था। बता दें कि किसानों के आंदोलन से पहले भी इंटरनेशनल लिंक जुड़े होने के आरोप लगे थे और इस पर विवाद छिड़ा था।
यही नहीं इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब कई विदेशी हस्तियो ने भी सोशल मीडिया पर बाकायदे इस मिशन को समर्थन देने का अभियान छेड़ रखा था, जहां बाद में जांच के दौरान टूलकिट के उपयोग की बात सामने आई।
फिलहाल जांच ऐजेंसी के विदेशी दौरे से माहौल एक बार गरमाता दिख रहा है।