एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी की डबल ऐजेंट 20 साल बाद हुई रिहा, क्यूबा आॅपरेशन के दौरान दुश्मन के लिए कर रही थी जासूसी – नित्यानंद दूबे (स्पेशल एडिटर)


सांकेतिक तस्वीर।

वॉशिंगटन। कोल्ड वाॅर के दौरान अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी की डबल ऐजेंट एना मोंटेस को 20 साल की कैद के बाद रिहा कर दिया गया है। दरअसल,अमेरिका ने उसे इंटेलिजेंस एनालिस्ट बनाकर क्यूबा में एक स्पेशल सीक्रेट मिशन पर भेजा था लेकिन बाद में एना उल्टा अमेरिका के हीं खिलाफ दुश्मन की मदद करने लग गयी थी। जहां वह साल 2001 में पकड़ी गई तो अमेरिकी अधिकारियों ने उसे ‘मोस्ट डेडली’ वुमन कहा।

बता दे कि एना ने कोर्ट में अमेरिकी अफसरों की सीक्रेट जानकारी क्यूबा को देने की बात कबूल की थी। उसने माना था कि वो अमेरिकी सर्विंलांस से जुड़ी कई खुफिया जानकारियां वहां के अफसरों को दे रही थी। इससे क्यूबा में अमेरिकी ऑपरेशन को काफी नुकसान हुआ था। मालूम हो कि एना को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले DIA के अधिकारी क्रिस साइमंस ने उसे डेडली वुमन कहा था। क्रिस ने कहा था कि इतिहास में कई डबल एजेंट रहे। इन्होंने खुफिया जानकारियां लीक कीं। लेकिन, एना ने तो बार-बार अमेरिका के लोगों को मरवाने की कोशिशें की।

वहीं डबल ऐजेंट एना को लेकर अमेरिकी जांच ऐजेंसी FBI ने भी खुलासा किया था कि वह 16 साल तक अमेरिका की नाक के नीचे वो क्यूबा के लिए काम करती रही। फिर भी उस पर किसी को शक नहीं हुआ। इसके पीछे एक बड़ी वजह ये रही कि एना कभी कोई सरकारी दस्तावेज अपने साथ घर नहीं लेकर गई। इसके बजाए वो सभी संवेदनशील जानकारियों को याद कर लेती और घर जाकर उन्हें अपने लैपटॉप में टाइप कर लेती थी। मोंटेस इस जानकारी को क्यूबा पहुंचाने के लिए उसे एक कोड में बदलकर डिस्क में स्टोर कर लेती थी। फिर उसे रेडिया की शॉर्ट वेव के जरिए जानकारी दी जाती थी कि उसे वो डिस्क कहां पहुंचानी हैं। एना के बारे में माना जाता है कि वो अपने सारे सीक्रेट कोड अपने पर्स में रखती थी।

एना इतनी शातिर थी कि इतने सालों तक वह अपने ही देश को धोखा देती रही और बदले में अमेरिका ने एना को कई बार प्रमोशन भी दिया था। उसे बेहतर काम करने के लिए सम्मानित भी किया गया था। अमेरिका में उसके साथ काम करने वाले लोग उसे क्वीन ऑफ क्यूबा कहते थे।

लेकिन वर्ष 1996 में एक दिन मोनटेस को एक अन्तर्राष्ट्रीय मामले को लेकर पेंटागन बुलाया गया। लेकिन उसने प्रोटोकोल तोड़ा और वो नहीं गई। DIA के काउंटर इंटेलिजेंस ऑफिसर स्कॉट करमाइकल को एना मोनटेस के ऐसे रवैये पर शक हुआ। जिसके बाद उन्होंने एना की पर्सनल प्रोफाइल को खंगाला, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा पाया। उन्होने खुद मोंटेस को पूछताछ के लिए बुलाया। एना से बातचीत के दौरान उन्हें लगा कि वो कुछ छिपा रही हैं। जिससे उनका शक और गहरा हो गया। हालांकि शक के आधार पर वो कुछ साबित नहीं कर सकते थे। एना से बातचीत के चार साल बाद करमाइकल को पता चला कि FBI किसी गद्दार को खोज रहा है जो DIA में रहते हुए क्यूबा के लिए काम कर रहा है।

यह पता लगने के बाद करमाइकल ने FBI एजेंट के साथ एक टीम बनाई और इसके सुबूत ढूंढने लग गए की DIA की क्वीन ऑफ क्यूबा एना मोंटेस ही वो गद्दार है। FBI ने जानकारी दी थी की जो भी अमेरिका को धोखा दे रहा है वो एक बार क्यूबा गया था। इसके बाद एना की फाइल देखी गई । करमाइकल ने CNN को बताया कि जैसे ही उन्होंने एना का नाम उस लिस्ट में देखा जो लोग क्यूबा गए हैं। तो वो समझ गए थे कि जिस गद्दार की तलाश FBI कर रहा है वो एना ही है। फिर उन्हें इनपुट मिले कि गद्दार ने 1996 में एक स्पेशल तरह का कंप्यूटर खरीदा था। जो केवल एना के पास था। इस तरह एक के बाद एक सुराग का पीछा करते हुए वो एना तक पहुंच गए। एना को 9 सितंबर 2011 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के 10 दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया। जहां अब वह 20 साल बाद रिहा हो गई है।

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