एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अमेरिका के मोंटाना के बाद अब लैटिन में भी डिटेक्ट हुआ चीन का जासूसी गुब्बारा, सेटेलाईट और फाइटेर जेट से लगातार निगरानी कर रहा पेंटागन – नित्यानंद दूबे (स्पेशल एडिटर)


अमेरिकी जेट,फाईल फोटो,साभार -(यूस के एअर फोर्स के ट्वीटर से)

वाशिंग्टन। अमेरिका में मोंटाना के बाद अब लैटिन अमेरिका के आसमान में भी एक और चीन के जासूसी गुब्बारे की उड़ने की रिपोर्ट सामने आई है। जहां इस बीच शुक्रवार रात पैंटागन के ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर के हवाले से यह दावा किया गया है कि हमें रिपोर्ट्स मिल रही हैं कि एक और बैलून लैटिन अमेरिका की तरफ से आ रहा है। उन्होंने आगे भी कहा कि हमारा अंदाजा है कि यह एक और जासूसी बैलून है, जो चीन का ही है।

दरअसल गुरुवार को अमेरिका के मोंटाना शहर में भी एक इसी तरह का चीन का जासूसी गुब्बारा डिटेक्ट हुआ था। जिसे अमेरिका की डिफेंस मिनिस्ट्री पैंटागन ने इंटेलिजेंस गैदरिंग यानी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाला बैलून बताया था। वहीं,इस घटना के बाद चीन ने माफी मांग ली थी और कहा था कि ऐसा गलती से हुआ है। बता दे कि इस जासूसी गुब्बारे को लेकर इस समय चीन और अमेरिका के बीच तलख़ी एक बार फिर से बढ़ गई है। यही कारण है कि अमेरिका के फॉरेन मिनिस्टर एंटनी ब्लिंकन ने चीन के दौरे को रद्द कर दिया है। क्योंकि,वो रविवार से दो दिन के चीन के दौरे पर जाने वाले थे।

वहीं,चीन की तरफ से इस घटनाक्रम पर जारी किये गये बयान में कहा गया है कि जिसे अमेरिका खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाला जासूसी बैलून कह रहा है वो केवल एक सिविलियन एयरशिप है, जो अपने तय रूट से भटक गया। इसका इस्तेमाल केवल मौसम की जानकारी के लिए होता है।
इस बीच चीन के इस बयान पर पलटवार में अमेरिकी अफसर ने कहा कि अगर यह सिविलियन बैलून है तो यह 6 हजार किलोमीटर दूर मोंटाना तक कैसे और क्यों पहुंचा ? मालूम हो कि पेंटागन ने दावा किया है कि इसे अमेरिका में निगरानी के लिए भेजा गया था। मामला इतना गंभीर हो गया है कि अमेरिकी मिलिट्री ने इस चीनी गुब्बारे की लगातार निगरानी करने के लिए अपने 2 F-22 फाइटर जेट उसके पास भेजे हैं। यही नहीं इस चीनी गुब्बारे पर सेटेलाईट से भी नजर रखी जा रही है। हालांकि,अमेरिका ने अभी इस बैलून को तबाह करने पर कोई फैसला नहीं किया है। जिसके चलते यह अभी उन्हीं के एयरस्पेस में है। फिलहाल,सुरक्षा कारणों से इस चीनी गुब्बारे के लोकेशन के बारे में सिर्फ यही बताया गया है कि यह बैलून अभी अमेरिका के बीचों-बीच है।

गौरतलब है कि सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 2000 के बाद से अमेरिका में चीन की ओर से जासूसी की 160 घटनाएं सामने आई हैं। जहां इस दौरान चीन ने मोबाइल टॉवर्स पर हुवावे के जासूसी डिवाइस लगाने की साजिश रची थी। ग्रामीण इलाकों को टारगेट बनाते हुए वहां अपने डिवाइस लगाए थे। यह सैन्य ठिकानों की ओर बढ़े तो खुफिया एजेंसियों ने कार्रवाई की। दरअसल,कई मुद्दों को लेकर चीन और अमेरिका के बीच हमेशा तनातनी बनी रहती है। जहां इस दौरान हाल ही में चीन का ताइवान, भारत, जापान फिलीपिंस आदि देशों के साथ भीषण तनाव जारी है। जिसे देखते हुए अमेरिका चीन के इन सभी दुश्मन देशों के साथ पूरी सैन्य तैयारी के साथ खड़ा है। इतना ही नहीं अमेरिकी ऐजेंसियां भी चीन की सभी हरकतों पर लगातार निगाह रखे हुई हैं।

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