इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

चीनी गुब्बारों को लेकर एक और हड़कंप मचाने वाली रिपोर्ट आई सामने, वायरल वीडियो में चीनी सेना द्वारा ऐसे गुब्बारों से हाइपरसोनिक मिसाइल फायर करने का दिखाया गया ड्रिल – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)


चीनी सेना द्वारा ऐसे गुब्बारों से हाइपरसोनिक मिसाइल को फायर करने के लिए एक ड्रिल के दौरान,फोटो साभार -(सोशल मीडिया)

वाशिंग्टन/बीजिंग। हाल के दिनों जबसे अमेरिका के एअर स्पेस में चीन के जासूसी गुब्‍बारे को देखा गया और फिर उसे मार गिराया गया। जहां अब इससे संबंधित आये दिन तमाम हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं। जिससे दुनियां भर में हड़कंप मचा हुआ है,जहां इसी कड़ी में अब यह दावा सामने आया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में भी अमेरिका के आसमान में इसी तरह का चीनी गुब्‍बारा उड़ा था। इसी कड़ी में यह भी बताया गया कि जनवरी 2022 में भी भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह के ऊपर भी इसी तरह का चीन ने विशाल जासूसी गुब्‍बारा उड़ाया था। उस समय भारत की तीनों ही सेनाएं अंडमान निकोबार में युद्धाभ्‍यास कर रही थीं। इसी बीच साल 2018 की एक वायरल वीडियो के हवाले से एक और हड़कंप मचाने वाली रिपोर्ट सामने आयी है,जिसमें यह कहा गया है कि चीनी सेना अत्‍यधिक ऊंचाई पर उड़ने वाले ऐसे ही गुब्‍बारों की मदद से हाइपरसोनिक मिसाइल को दाग रही है। बता दे कि चीन की यह तकनीक पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

साभार-(सोशल मीडिया)

दरअसल,डिफेंस से जुड़ी चर्चित वेबसाइट “द ड्राइव” ने रिपोर्ट किया है कि चीन बहुत तेजी से अपने हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रम को बढ़ा रहा है। जहां साल 2018 के इस वायरल विडियो में नजर आ रहा है कि चीन अत्‍यधिक ऊंचाई पर उड़ने वाले गुब्‍बारे की मदद से हाइपरसोनिक ग्‍लाइड वीइकल के आकार के पेलोड को गिराने का अभ्‍यास कर रहा है। रिपोर्ट में आगे भी कहा गया है कि इस आकार का पेलोड चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल से मिलता-जुलता है। चूंकि,चीन इस तरह के हाइपरसोनिक मिसाइलों को बनाने पर लंबे समय से काम कर रहा है।

बता दे कि अपनी रिपोर्ट में द ड्राइव ने आगे यह भी खुलासा किया है कि इस तरह के ऊंचाई पर उड़ने वाले गुब्‍बारे की मदद से हाइपरसोनिक बूस्‍ट ग्‍लाइड वीइकल का परीक्षण करना बहुत ही तर्कपूर्ण है और आंकड़े हासिल करने के लिए टेस्टिंग का शानदार तरीका है। इस वीडियो में ऐसा लग रहा है कि गुब्‍बारा तीन ग्‍लाइड वीइकल को लेकर जा रहा है। इसमें दो एक ही तरह के हैं और तीसरा अलग डिजाइन का है। चीन अक्‍सर अपने शैक्षिक संस्‍थानों के सेना से जुड़े शोध और विकास के कार्यों को अक्‍सर साझा करता रहता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में अमेरिकी एअर स्पेस में चीन का एक जासूसी गुब्बारा डिटेक्ट हुआ था, जिसे हिट करने से पहले उस पर कई तरीकों से पूरी निगरानी रखी गई और उसे पब्लिक लोकेशन से बाहर पहुंचने का इंतजार किया गया ताकि उसे हिट करने के बाद आम लोगों को कोई गंभीर खतरा ना झेलना पड़े। जहां इसे अटलांटिक महासागर के ऊपर एक स्पेशल ऑपरेशन के दौरान अमेरिकी लड़ाकूं विमानों ने मार गिराया। जहां अब इस गुब्बारे के मलबों को इकट्ठा किया जा रहा,इस दौरान अमेरिकी नौसेना और पेंटागन के संयुक्त जांच के शुरूआती दौर में इस बैलून में घातक विस्फोटक पाये जाने की पुष्टि हुई है। फिलहाल,मलबों की पूरी रिकवरी और आगे की जांच अभी भी बाकी है।

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