
सांकेतिक तस्वीर।
इस्लामाबाद। हाल के बीते कई महिनों से पाकिस्तान पर मानो चारों तरफ से शामत आ गई है। क्योंकि,भीषण आर्थिक संकट,महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे पाकिस्तान में पिछले कुछ महिनों से टीटीपी और बलूच विद्रोही संगठनों की तरफ से लगातार भीषण आत्मघाती हमले जारी हैं तो वही दूसरी ओर हाल के 10 दिनों के भीतर भारत के मोस्ट वांटेड तीन बड़े आतंकवादी पाकिस्तान की जमीन पर बेरहमी से कत्ल कर दिये गए। जो कि बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट है। अब ऐसे में सवाल उठना स्वभाविक है कि जो पाकिस्तान इन मारे गए आतंकियों से भारत के कश्मीर में विभिन्न आतंकी हमलों को अंजाम दिया,आज वे लोग पाकिस्तान में हीं मारे जा रहे हैं ? जबकि अक्सर देखा गया है कि पाकिस्तान में जब कोई ऐसी घटनाएं होती है तो पाकिस्तान बिना किसी सबूत के और बिना देर किये भारत को जिम्मेदार ठहराता रहा है, लेकिन ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान इन घटनाओं में एक बार भी भारत का नाम नहीं लिया। जिससे कई तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं। जिसकी पड़ताल सीक्रेट आॅपरेशन न्यूज पोर्टल समूह ने किया। जहां इस दौरान “सीक्रेट आॅपरेशन” मीडिया समूह ने तथ्यों और विश्लेषण के आधार पर बेहद चौंकाने वाले नतीजे पर पहुंचा है।
दरअसल, मारे गए तीनों आतंकी भारत के मोस्ट वॉन्टेड थे। भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में इन तीनों की भूमिका काफी अहम थी। खासतौर पर जम्मू कश्मीर में कई आतंकी घटनाएं इनके इशारे पर अंजाम दी गईं। यहां तीनों की मौत लगभग एक जैसे ही हुई है। वहीं,पाकिस्तानी पुलिस इसे टारगेट किलिंग बता रही है। खास बात है कि तीनों को हाल ही में भारत सरकार ने व्यक्तिगत तौर पर आतंकी घोषित किया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इन आतंकवादियों को मार कौन रहा है? इसके पीछे किसका हाथ है? आखिर पाकिस्तान में क्या-क्या चल रहा है ?
बताते चले कि पाकिस्तान के कराची में सोमवार को कश्मीर के आतंकी संगठन अल-बद्र का कमांडर सैयद खालिद रजा मारा गया। जहां अज्ञात हमलावरों ने उस पर गोलियां चला दीं। खालिद मौत से पहले तक भी कश्मीर में सक्रिय आतंकियों से जुड़ा हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावरों ने खालिद रजा के घर के बाहर ही उसे गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। खालिद राजा कश्मीर में आतंकी कमांडर रह चुका है। इसके बाद वो कराची चला गया। यहां वो फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल का वाइस चेयरमैन बना। इससे पहले पिछले हफ्ते गुरुवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर बशीर अहमद पीर भी इसी तरह से मारा गया था। बशीर अपने घर के पास मस्जिद में नमाज पढ़ने गया था। मस्जिद से बाहर निकलने के बाद वह एक दुकान के पास खड़ा हो गया। इसी दौरान दो हमलावर बाइक से आए और गोली मारकर बशीर की हत्या कर दी। जबकि आतंकी एजाज अहमद अहंगर की अफगानिस्तान में हत्या हो गई थी। एजाज लंबे समय से इस्लामिक स्टेट के लिए सक्रिय था और भारतीयों पर आत्मघाती हमलों को अंजाम दिलवाता था।
वहीं,पाकिस्तान की पुलिस ने बशीर अहमद उर्फ इम्तियाज और सैयद खालिद रजा की हत्या को टारगेट किलिंग बताया है। जबकि पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां चुन-चुनकर कुछ लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं एजाज अहमद अहंगर को अफगानिस्तान में मारा गया। हालांकि,सैयद खालिद रजा की हत्या को लेकर सिंधुदेश रिवोल्यूशनरी आर्मी (SRA) ने जिम्मेदारी ली है। वहीं, बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज को मस्जिद से बाहर निकलते वक्त गोली मारी गई है। बशीर की हत्या के लिए अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। जबकि,आतंकी एजाज अहंगर को तालिबान ने मार गिराया। बता दे कि एजाज लंबे समय से इस्लामिक स्टेट के लिए सक्रिय था और भारतीयों पर आत्मघाती हमलों को अंजाम दिलवाता था। उसे तालिबान ने अफगानिस्तान में स्थित कुनार इलाके में मार गिराया।
इन सबके बीच सबसे हैरानी इस बात की है कि पाकिस्तान ने इन घटनाओं के लिए एक बार भी भारत का नाम नहीं लिया। जबकि ये तीनों भारत के मोस्ट वांटेड थे। यही कारण है सीक्रेट आॅपरेशन मीडिया समूह ने पाकिस्तान के रवैये को अपना आधार बनाते हुए बेहद गंभीरता से इस पूरे घटनाक्रम की तप्तींश किया,जहां कई मीडिया रिपोर्ट्स और अन्य तथ्यों के विश्लेषण के उपरांत इस नतीजे पर पहुंचा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी ISI हीं जिम्मेदार है। बता दे कि पाकिस्तान की यह वहीं खुफिया ऐजेंसी है जो भारत के कश्मीर सहित कई राज्यों में पिछले कई दशकों से कई आतंकी संगठनों के द्वारा विभिन्न आतंकी हमलों को अंजाम देती रहीं है। क्योंकि,पाकिस्तान की यह ऐजेंसी भारत के खिलाफ अपने यहां कई तरह के आतंकी समूहों को पोषित करने के साथ-साथ ट्रेनिंग व घातक हथियार मुहैया कराती रही है,जो आज भी बदस्तूर जारी है।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब ऐसे आतंकी भारत के खिलाफ पाकिस्तानी ऐजेंसी की मदद करते हैं तो इन्हें मरवाने के पीछे ISI का क्या मकसद हो सकता है ? तो इसका बहुत आसान जवाब है कि जब ऐसे आतंकी ISI के लिए सिरदर्द साबित होने लगते हैं या किसी काम के नहीं रहते तो ISI ऐसे लोगों को रास्ते से हटाने में जुट जाती है। और इसके एक-दो नहीं हजारों उदाहरण हैं। क्योंकि, पाकिस्तान के कई मीडिया रिपोर्ट्स में पहले भी यह खुलासा होता रहा है कि पाकिस्तान में मौजूद तमाम आतंकी समूहों से अक्सर तमाम आतंकी अचानक गायब हो गए या किसी न किसी बहाने मार दिये गए। मालूम हो कि गायब होने वाले तमाम आतंकियों का आज तक कोई सुराग हीं नहीं मिला। इतना ही नहीं इस तरह की घटनाओं को पाकिस्तान दबाता रहा है।
क्योंकि, सीक्रेट ऑपरेशन न्यूज पोर्टल समूह को विश्वस्त सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट मिली है कि POK के अलावा पाकिस्तान के अन्य इलाकों में मौजूद विभिन्न आतंकी संगठनों के आस पास मौजूद पाकिस्तानी पुलिस थानों में इस तरह से संबंधित हजारों घटनाओं का मुकदमा दर्ज है, जहां इन सभी मुकदमों में सिर्फ क्लोजर रिपोर्ट हीं दाखिल हुई है,यानि ऐसे एक भी मामलों में आज तक कोई वर्क आउट हुआ हीं नहीं। इतना ही नहीं स्थानीय मीडिया में भी इस तरह के मामलों को हमेशा दबाया गया। चूंकि,पूरा पाकिस्तान हीं नहीं पूरी दुनिया भी जानती है कि इस तरह के भारत विरोधी आतंकी कैंपों को पाकिस्तानी ऐजेंसी हीं संचालित करती है। यही कारण है कि ये मामले अक्सर स्थानीय स्तर तक हीं सीमित रह गए। रही बात हाल की घटनाओं का तो इसके पब्लिक होने की सबसे बड़ी वजह यह रही कि ये तीनों घटनाएं इन आतंकी कैंपों से बहुत दूर हुई है, जहां सोशल मीडिया के चलते ये हादसे सार्वजनिक हो गए। रही बात पुलिस जांच की तो पाकिस्तानी पुलिस इसे प्रथम दृष्टया टारगेट किलिंग करार करके क्लोजर रिपोर्ट लगाने की तैयारी में जुट गई है।
अब यहां इन घटनाओं के लिए भारत को नजर अंदाज करना और इसे स्थानीय घटना करार देना अपने आप ही साफ कर देता है कि इन हादसों के लिए सीधे-सीधे पाकिस्तान की बदनाम खुफिया ऐजेंसी ISI हीं जिम्मेदार है, जिसे “सीक्रेट आॅपरेशन” मीडिया समूह पूरी जिम्मेदारी के साथ साबित भी करता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में जब भी कोई आतंकी घटना होती रही है, बिना देर किये पाकिस्तान बिना किसी सुबूत के भारतीय ऐजेंसी (राॅ) को जिम्मेदार ठहराता रहा है। ऐसा पहली बार है,जहां इन हादसों में भारतीय ऐजेंसियों का नाम नहीं लिया गया। इतना ही नहीं इसे स्थानीय मामला करार दिया जा रहा है।
