BSF के जवान, फाईल फोटो।
अमृतसर/नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर अक्सर दुश्मन की तरफ से पिछले कुछ सालों में ड्रोन भेजे जाने की रिपोर्ट सामने आती रही है। जहां इस दौरान भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा इन ड्रोन को मार गिराया जाता रहा है। इस बीच कई ड्रोन भारतीय सुरक्षाबलों की भीषण गोलाबारी से बचते हुए वापस दुश्मन के बेस की तरफ भागने में सफल भी रहे। इस बीच पंजाब के अमृतसर बॉर्डर पर गिराए गए एक ड्रोन की स्टडी रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। बता दे कि दुश्मन इन ड्रोन से बार्डर पर भारतीय सुरक्षाबलों की जासूसी व हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ मादक पदार्थ की तस्करी की घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश करता रहा है।
दरअसल,दो महीने बाद ड्रोन की फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर गिराया गया पाकिस्तानी ड्रोन पहले चाइना में और फिर पाकिस्तान में भी उड़ान भर चुका था। गौरतलब है कि BSF ने 25 दिसंबर की रात तकरीबन 7:45 बजे अमृतसर सेक्टर के अंतर्गत आते गांव राजाताल में पाकिस्तान की तरफ से आए एक ड्रोन को गिराने में सफलता हासिल की थी। यह एक क्वाडकॉप्टर ड्रोन था। ड्रोन की आवाज सुन BSF के जवानों ने फायरिंग कर दी और ड्रोन वापस जाने से पहले ही गिर गया। BSF ने इस ड्रोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया था।
जहां इस ड्रोन की फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला है कि 11 जून, 2022 को इस ड्रोन ने चीन के शंघाई के फेंग जियान जिले में भी उड़ान भरी थी। बाद में इसने 24 सितंबर से 25 दिसंबर तक यह ड्रोन पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के खानेवाल से 28 बार उड़ा था। मालूम हो कि BSF के पूर्व डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने सरहद पर गिराए जाने वाले हर ड्रोन की फोरेंसिक जांच करवाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद से BSF हर गिराए जाने वाले ड्रोन की जांच कर रहा है। जिससे ड्रोन की उड़ान की स्थितियों के बारे में पूरी जानकारी मिल रही है।
अब यहां बताने की जरूरत नहीं है कि भारत का पाकिस्तान के साथ चीन भी दुश्मन नंबर 1 है। ऐसे में भारत के खिलाफ इन दोनों दुश्मन देशों की इस तरह की साजिशों को अंजाम देना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन भारत को इस तरह की घटनाओं से जुड़े तमाम तथ्यों के आधार पर दुश्मन पर कूटनीतिक दबाव बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़नी चाहिए। अफसोस इसका संज्ञान लेने में भारत हिचकता रहता है, जो कि देश हित में बिल्कुल भी ठीक नहीं है।