चीनी युद्धपोत
वाशिंग्टन/ताइपे। पेंटागन के लीक हुए एक और खुफिया दस्तावेज में यह भी खुलासा हुआ है कि चीनी सेना किसी भी वक्त ताइवान के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला करने का बड़ा प्लान बना रहा है। दरअसल,चीन ने हाल के कुछ महीनों में ताइवान पर आक्रमण का दो बार अभ्यास भी किया है। पहली बार तत्कालीन अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद और दूसरी बार ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग वेन की अमेरिका यात्रा के बाद चीनी सेना ने ताइवान को चारों ओर से घेरकर युद्धाभ्यास किया था। हालांकि,ताइवान पर चीन के आक्रमण में सबसे बड़ी बाधा अमेरिका बन रहा है। क्योंकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कई बार ऐलान कर चुके हैं कि ताइवान पर हमला अमेरिका पर हमला माना जाएगा और अमेरिकी फौज ताइवान को बचाने के लिए युद्ध में शामिल होगी।
इतना ही नहीं पेंटागन के इस लीक रिपोर्ट में सार्वजनिक रूप से ताइवान की खुद की रक्षा क्षमताओं के बारे में भी कहा गया है कि उसे चीन के आक्रमण के लिए तैयार होना चाहिए। आगे भी कहा गया है कि पेंटागन के अधिकारी कई कारणों के आधार पर दावा करते हैं कि ताइवान कभी भी चीन के हवाई हमलों का मुकाबला नहीं कर सकता है। वहीं ताइवान के अधिकारियों का दावा है कि उनकी हवाई सुरक्षा मिसाइल लॉन्च का सटीक पता लगा सकती है। इतना ही नहीं, ताइवान के आधे से अधिक विमान पूरी तरह मिशन हो अंजाम देने में सक्षम भी हैं।
इन दस्तावेजों में गंभीर आकलन के आधार पर बताया गया है कि चीनी वायु सेना बहुत जल्द ही ताइवान के आसमान पर नियंत्रण स्थापित कर सकती है। हालांकि, खुफिया जानकारी यह भी बताती है कि ताइवान में पैर जमाने के लिए चीनी सेना को भारी संघर्ष करना होगा। इसमें अमेरिका, ताइवान और उसके सहयोगी देश चीन के खिलाफ एक साथ कार्रवाई करने को मजबूर होंगे।
फिलहाल,ताइवान संकट के संदर्भ में “सीक्रेट आॅपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह पहले ही इन सभी खुलासे के इतर यह दावा कर चुका है कि चीन तब तक ताइवान पर हमला नहीं कर सकता है, जब तक कि अमेरिका दुनिया में किसी और जंगी फ्रंट पर पूरी तरह से उलझता नहीं है। इसके पीछे “सीक्रेट आॅपरेशन” मीडिया हाउस ने शीत युद्ध के दौरान क्यूबा मिसाइल संकट को सबसे बड़ा आधार माना था।