जापान के समुद्री सीमा की निगरानी करने के दौरान एक अमेरिकी युद्धपोत,फोटो साभार-( जापान के डिफेंस से)
टोक्यो। रूस-यूक्रेन जंग के बीच पिछले काफी वक्त से उत्तर कोरिया के साथ जारी भीषण जंगी तनातनी के दौरान अब जापान की एयर डिफेंस मिसाइलें इस समय हाई अलर्ट पर हैं। यहां तक कि पूरे जापान में रडार से आसमान की निगरानी की जा रही है। लोगों को भी सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। राजधानी टोक्यो से लेकर क्योटो तक जापानी सेना अलर्ट है। दरअसल, ये तैयारियां 31 मई से 11 जून के बीच उत्तर कोरिया के उपग्रह प्रक्षेपण की जानकारी मिलने के बाद की गई है।
चूंकि,पिछले एक साल के अंदर उत्तर कोरिया ने कई मिसाइल परीक्षण किए हैं,इसमें इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें भी शामिल हैं। इसमें से कम से कम चार मिसाइलें जापान के ऊपर से गुजरी हैं। जहां अब जापान पूरी तैयारी में है ताकि दुश्मन के मिसाइलों को हवा में मार गिरा डाले। वहीं,परमाणु शक्ति संपन्न उत्तर कोरिया का दावा है कि उसने अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह बना लिया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने इस उपग्रह के लॉन्च को भी अंतिम मंजूरी दे दी है।
इस बीच जापानी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से यह दावा किया गया है कि टोक्यो को उम्मीद है कि उत्तर कोरिया जापान के दक्षिण-पश्चिम द्वीप समूह के ऊपर से अपने उपग्रह को ले जाने वाले रॉकेट को दागेगा, जैसा कि उसने 2016 में किया था। इसी कड़ी में आगे भी कहा गया है कि अगर हमारे इलाके में दुश्मन की कोई भी बैलिस्टिक या क्रूज मिसाइल घुसी तो उसे तुरंत मार गिराएंगे। क्योंकि,जापान उत्तर कोरिया की मिसाइल को नष्ट करने के लिए अपनी स्टैंडर्ड मिसाइल-3 (एसएम-3) या पैट्रियट मिसाइल पीएसी-3 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करेगा। बता दे कि पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम अमेरिकी हथियार है,जिसे यूक्रेन ने हाल में ही इसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से रूस की सबसे तेज उड़ने वाली मिसाइल किंझल को मार गिराया था। इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम के रडार 400 किलोमीटर दूर तक आसमान को स्कैन कर सकते हैं।