वाशिंग्टन/केपटाउन। रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूस को हथियारों की सप्लाई में पहले उत्तर कोरिया फिर ईरान और अब दक्षिण अफ्रीका का नाम सामने आया है, जहां इस रिपोर्ट के सामने आने पर अमेरिका की भौंहें तनी हुई है। यही कारण है कि दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने रूस को हथियारों की आपूर्ति मामले की जांच की निगरानी के लिए न्यायाधीश नियुक्त किया है। दरअसल,दक्षिण अफ्रीका पर आरोप हैं कि उसने दिसंबर 2022 में एक नौसैनिक अड्डे पर गुप्त रूप से रुके एक जहाज के जरिये रूस को हथियारों की आपूर्ति की थी। इतना ही नहीं दक्षिण अफ्रीका ने अभी हाल ही के कुछ महीने पहले ही रूस और चीन के साथ मिलकर एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास भी किया था। बता दे कि दक्षिण अफ्रीका को रूस का करीबी देश माना जाता है।
रूस को हथियारों की सप्लाई को लेकर यह आरोप दक्षिण अफ्रीका में अमेरिका के राजदूत रूबेन ब्रिगेटी द्वारा इस महीने लगाए गए थे। अमेरिकी राजदूत का दावा है कि उन्हें यकीन है कि हथियार और गोला-बारूद रूसी ध्वजवाहक मालवाहक जहाज लेडी आर पर लादे गए थे, जब यह पिछले साल के अंत में केपटाउन के पास साइमन टाउन नौसैनिक अड्डे पर रुका था। अमेरिकी राजदूत रूबेन ब्रिगेटी ने संकेत दिया कि इस संबंध में अमेरिका के पास खुफिया जानकारी थी।
वहीं,रामाफोसा के कार्यालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व अपील न्यायाधीश पी.एम.डी. मोजापेलो को इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बयान में आगे भी कहा गया है कि साथ ही समिति में एक वकील और एक पूर्व न्याय मंत्री भी नियुक्त किए गए हैं। फिलहाल,इस खुलासे के बाद रूस की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। चूंकि,रूस-यूक्रेन युद्ध में दुनिया दो ध्रुवों में बंटी हुई है। नाटों समेत पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियार सप्लाई कर रहे हैं। वहीं, चीन, उत्तर कोरिया और दक्षिण अफ्रीका के अलावा ईरान जैसे देश रूस को हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं।