एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

आॅपरेशन “मॉस्को” एबार्ट करने के बाद पहली बार वैगनर चीफ का आडियो बयान आया सामने, कहा अन्याय के खिलाफ उठाया कदम – सतीश उपाध्याय (सीनियर एडिटर)


वैगनर फोर्स का टैंक कानवाई,वापस लौटने के दौरान,फोटो साभार -(सोशल मीडिया)

मिंस्क/मॉस्को। यूक्रेन के साथ जारी भीषण जंग के बीच अचानक रूस की हीं सहयोगी फोर्स द्वारा दो दिन पहले यानि बीते शनिवार को किये गये सैन्य विद्रोह के बाद वैगनर फोर्स के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने सोमवार को पहली बार ऑडियो बयान जारी कर अपने कदम का बचाव किया है। उन्होंने अपनी सेना पर हमले की प्रतिक्रिया के रूप में यह बयान जारी किया है,जिसमें उनके 30 लड़ाके मारे गए। प्रिगोझिन ने 11 मिनट की ऑडियो में कहा, ‘हमने अन्याय के कारण रूस की ओर कूच करने का आदेश दिया था।’ फिलहाल,उन्होंने अपनी लोकेशन आऊट नहीं किया है।

वहीं,रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु भी‘वैग्नर’ की ओर से विद्रोह करने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आये। इस दौरान वह सोमवार को जारी एक वीडियो में यूक्रेन में सैनिकों का निरीक्षण करते हुए नजर आये। बता दे कि वैगनर फोर्स के चीफ प्रिगोझिन और रूस के सैन्य नेतृत्व के बीच उत्पन्न कटुता ने विद्रोह का रूप ले लिया था,जहां वैग्नर समूह दक्षिणी रूस के एक सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने पहुंच गया। इतना ही नहीं यह विद्रोही ग्रुप मॉस्को से महज कुछ सौ मील दूर तक भी पहुंच गया था। लेकिन शनिवार को 24 घंटे के अंदर ही यह फोर्स वापस लौट गयी। इस बीच क्रेमलिन ने दावा किया कि उसने समझौता किया है जिसके तहत प्रिगोझिन अब बेलारूस जाएंगे तथा उन्हें एवं उनके सैनिकों को क्षमादान मिलेगा।

हालांकि,प्रिगोझिन के ठिकाने के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन एक मीडिया समूह ने रिपोर्ट किया है कि उन्हें बेलारूस की राजधानी मिंस्क में एक होटल में देखा गया है। फिलहाल,अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के कथित तौर पर मध्यस्थता वाले इस समझौते के तहत प्रिगोझिन और उनकी सेना का अंतत: क्या होगा ? मालूम हो कि प्रिगोझिन का विद्रोह बेहद कम वक्त का रहा लेकिन यह रक्तरंजित था। इस बीच रूसी मीडिया ने दावा किया कि वैग्नर सेना ने कई रूसी सैन्य हेलीकॉप्टरों और एक सैन्य संचार विमान को मार गिराया तथा जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए।

कहने को तो यह सैन्य विद्रोह भले ही शांत हो गया है, लेकिन कई सवालों के जवाब अभी तक सामने नहीं आया है, यही कारण है कि कई आशंकाएं अभी भी जन्म ले रही है। क्योंकि,वैगनर फोर्स द्वारा क्रेमलिन के साथ हुए समझौते को बिंदुवार तरीके से साफ नही किया गया है। बस अभी तक इतना ही खबर है कि इस विद्रोह को समाप्त करने के लिए बेलारूस के राष्ट्रपति की मध्यस्थता हीं सार्थक रही है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर दुश्मन की पूरी निगरानी अभी भी बनी हुई हैं। अब आगे क्या होगा ? यह कहना मुश्किल है, लेकिन यूक्रेन के खिलाफ जारी लड़ाई अभी भी बिना प्रभावित हुए बदस्तूर जारी है।

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