सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली। दुनिया के कई हिस्सों में जारी भीषण जंग धीरे – धीरे अब तीसरे विश्वयुद्ध में प्रवेश कर ही गया है,ऐसे में अमेरिकी नेतृत्व गुट भारी नुकसान झेलते हुए नजर आ रहा है, जिसका प्रमुख कारण यह है कि अमेरिकी गुट हमेशा से ही एक कदम पीछे चलता है, इससे साफ है कि नुकसान एक कदम पीछे चलने वाले का ही होता है, यहां एक कदम पीछे चलने का मतलब है कि काउंटर अटैक, यानि अमेरिकी गुट दुश्मन को रणनीतिक रूप से पूरी तैयारी का मौका देता है और जब दुश्मन पूरी तरह से तैयार हो जाता है तब खुद को सुरक्षित करते हुए तब जंग में अमेरिका उतरता है।
खुद के सुरक्षित का अर्थ है कि अमेरिका अपने गुट को बहुत ही संतुलित मदद करता है ताकि दुश्मन उसे सीधे टारगेट न कर सके। हाल ही में यूक्रेन हो या इजरायल अथवा अफगानिस्तान इन सभी देशों में अमेरिका की अपनी नीतियों के कारण उसकी काफी भदद पिटी है। जहां यह गलती करने की अमेरिकी नीतियां अभी भी गलतियां कर रही है। क्योंकि, चीन और उत्तर कोरिया के मामले में भी पेंटागन भारी गलती कर रहा है, डिफेंस पॉलिसी यह कहती है कि दुश्मन को ताकतवर होने से पहले ही उसे नेस्तनाबूद कर देना चाहिए। लेकिन अमेरिकी गुट ऐसा नहीं करते हैं।
परिणामस्वरूप आज उत्तर कोरिया और चीन अमेरिकी गुट को लगातार आंखे हीं नहीं मौका भी खोज रहे है ताकि वे अमेरिकी गुट पर हमला कर सके। बता दे कि क्वाड सदस्य भारत पर चीन लगातार चारों तरफ से शिकंजा कसते ही चला जा रहा है, ऐसे में यदि भारत चीन के खिलाफ कोई बड़े मिलिट्री वार का आगाज नहीं करता है तो आने वाले दिनों में भारत को इस लापरवाही की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। क्योंकि दुश्मन लगातार भारत की सीमाओं के साथ साथ भारत के पड़ोसी देशों में अपना प्रभाव दशकों से जमाने में जुटा हुआ है जिसमें वह लगातार सफल होते भी दिख रहा है।
इतना ही नहीं चीन अपने सभी दुश्मन देशों की अपेक्षा वह LAC पर सबसे ज्यादा घातक हथियारों की तैनाती लगातार बढ़ा रहा है, और दिखाने के लिए वह ताइवान के साथ अपना तनाव बढ़ा रहा है, जिसके लिए वह अक्सर तमाम तरह की मिलिट्री ड्रिल भी करता रहता है। यहां यह भी साफ कर दूं कि यह ड्रिल ताइवान के खिलाफ नहीं बल्कि वह भारत के खिलाफ करता है। वह ताइवान पर कभी नहीं हमला करेगा, इसके पीछे बहुत सारे कारण है। भारत पर वह तभी हमला करेगा जब अमेरिका दुनिया के कई जंगी मोर्चों पर फंसेगा। मालूम होना चाहिए कि शीतयुद्ध के दिन भी जब अमेरिका क्यूबा में रूस के साथ उलझा हुआ था तो उसी समय चीन ने भारत पर हमला किया था।
ऐसे में तमाम तथ्यों व अन्य संबंधित रिपोर्ट्स के आधार पर हम यह पूरी जिम्मेदारी के साथ यह दावा करते हैं कि चीन जो भी ताइवान के खिलाफ ड्रिल कर रहा है वह सिर्फ दिखावटी है, उसका ड्रिल सिर्फ और सिर्फ भारत के ही खिलाफ है, क्योंकि उसने अपने सभी दुश्मनों की अपेक्षा सबसे ज्यादा सैन्य संसाधनों व अन्य संबंधित घातक हथियारों की तैनाती भारत के खिलाफ ही भारत के साथ लगती सीमाओं पर कर रखी है, तथा वह भारत के खिलाफ अपनी पूरी ऊर्जा खर्चकर भारत के पड़ोसी देशों में भी अपना प्रभाव जमाने में लगा हुआ है। इतना ही नहीं भारत के खिलाफ वह अन्य सभी मोर्चों पर भी लगातार खड़ा रहता है। इसलिए भारत को उसके हमले का इंतजार नहीं करना चाहिए नहीं तो इसकी भारी कीमत भारत को चुकाना पड़ सकता है। इसी कड़ी में यहां यह भी साफ कर दे कि “सीक्रेट ऑपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह का आज तक कोई भी दावा झूठा साबित नहीं हुआ है।