एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

पाकिस्तान ने भारत के साथ फिर किया विश्वासघात,17 भारतीय मछुआरों को गलत तरीके से पकड़ा -राजेंदर दूबे (स्पेशल एडिटर)

आजादी के समय जैसे ही पाकिस्तान की स्थापना हुई तब से लेकर आजतक शायद हि ऐसा कोई वर्ष रहा हो जिसमें कि भारत विरूद्ध पाकिस्तान कोई न कोई साजिश न किया हो पर अफसोस भारत में किसी की भी सरकार रही हो, सरकार हमेशा हि पाकिस्तान की धोखेबाजी का शिकार होती रही है।
जबकि आजादी के बाद से लेकर आजतक भारत में जितनी भी सरकारे बनी, सभी ने पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में जोर दिया लेकिन अफसोस वह तो कोबरा सांप है, और उसे जितना दूध पिलायेंगें उसका उतना ही अधिक जहर बढ़ेगा, उदाहरण के लिए भारत ने अभी चंद दिन पहले हि पाकिस्तान के साथ सीमा पर सीज-फायर पर एक बड़ा समझौता किया जिसपर दोनों देशों के साथ-साथ अमेरिका ने भी दोनों देशों को बधाई दी …
कराची
पाकिस्तान ने 17 भारतीय मछुआरों को देश के जलक्षेत्र में कथित रूप से प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया है और उनकी तीन नौकाओं को जब्त कर लिया है। पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) के एक प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए मछुआरों को शनिवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और पुलिस को सौंप दिया गया है।

पाकिस्तान का आरोप लगाया, चेतावनी को अनसुना किया
पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि भारतीय मछुआरों को चेतावनी दी गई थी कि वे पाकिस्तान के जलक्षेत्र में हैं और उन्हें दूर चले जाना चाहिए लेकिन उन्होंने चेतावनी नहीं सुनी। प्रवक्ता ने कहा कि 17 मछुआरों को गिरफ्तार करने के लिए तेज गति वाली नौकाओं का इस्तेमाल किया गया जो पाकिस्तान और भारत के बीच तटीय सीमा सर क्रीक के पास पाकिस्तान के जलक्षेत्र में 10-15 समुद्री मील अंदर थे।

एक साल बाद पाकिस्तान ने गिरफ्तार किए भारतीय मछुआरे
भारतीय मछुआरों को कराची में मलिर या लांधी जेल भेजा जाता है। यह गिरफ्तारी एक वर्ष के अंतराल के बाद हुई है जब 23 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था और मछली पकड़ने वाली उनकी चार नौकाओं को समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने जब्त किया था।

कैसे भारतीय जलक्षेत्र को पार कर लेते हैं मछुआरे?
पाकिस्तान और भारत अक्सर एक दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं क्योंकि अरब सागर में समुद्री सीमा का कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है और मछुआरों के पास उनके सटीक स्थान को जानने के लिए तकनीक से लैस नौकाएं नहीं हैं। सुस्त नौकरशाही और लंबी विधिक प्रक्रियाओं के कारण, मछुआरे आमतौर पर कई महीनों तक जेलों में रहते हैं और कभी-कभी सालों तक भी

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