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छत्तीसगढ़ के बीजापुर मुठभेड़ में मारे गए 17 लाख के इनामी चार नक्सलियों की हुई शिनाख्त

 

 


-पिछले 19 महीनों (जनवरी 2024 से जुलाई 2025) में 425 हार्डकोर नक्सली मारे गए

बीजापुर, (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना अंर्तगत दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में शनिवार शाम को नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में मारे गए 17 लाख रूपये के इनामी चार नक्सलियों की शिनाख्त हो गई है। इनमें दो महिला नक्सली भी शामिल थीं।

मारे गये इन नक्सलियाें की पहचान पांच लाख के इनामी हुंगा एसीएम, प्लाटून नम्बर 10 दक्षिण सब जोनल ब्यूरो, पांच लाख के इनामी लक्खे एसीएम, प्लाटून नम्बर 30, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो, पांच लाख के इनामी भीमे एसीएम, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो, दो लाख के इनामी निहाल ऊर्फ राहुल, पार्टी सदस्य (संतोष, ब्यूरो कम्युनिकेशन टीम हेड का गार्ड) दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के रूप में हुई है।

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव ने बताया कि जिले के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में नक्सली कैडर की गतिविधियों की विश्वसनीय सूचना के आधार पर डीआरजी बीजापुर की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। इस अभियान के दौरान 26 जुलाई 2025 के शाम को पुलिस बल और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ होती रही। मुठभेड़ के पश्चात मुठभेड़ स्थल की तलाशी में 17 लाख के इनामी 4 नक्सलियाें के शव सहित 1 नग एसएलआर, 3 मैग्जीन 15 जिंदा राउण्ड, 1 नग इंसास, 3 मैग्जीन 40 जिंदा राउण्ड, 1 नग .303 रायफल 1 मैग्जीन, 16 जिंदा राउण्ड, 1 नग बीजीएल लांचर (सुरखा) 3 नग सेल, 1 नग सिंगल शॉट 315 बोर रायफल, 1 नग 12 बोर बंदूक, 12 नग जिंदा सेल, एके 47 के 08 जिंदा राउण्ड सहित बीजीएल सेल छोटा 3 नग, ग्रेनेड 1 नग, नक्सल सामग्री व अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गयी है l मृत सभी 4 नक्सलियाें की शिनाख्त कर ली गई है।

बस्तर आईजी सुन्दरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2024 में मिली निर्णायक बढ़त को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2025 में भी बस्तर संभाग में प्रतिबंधित नक्सली संगठन के विरुद्ध सुरक्षा बलों के सघन और निरंतर अभियान संचालित किए जा रहे हैं। इन अभियानों के तहत पिछले 19 महीनों (जनवरी 2024 से जुलाई 2025) में 425 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, जो सुरक्षा तंत्र की प्रभावी रणनीति, साहसिक कार्रवाई और जनसमर्थन का प्रतीक है। उन्हाेंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि मानसून की कठिन परिस्थितियां लगातार वर्षा, दुर्गम जंगल-पहाड़ी इलाके और जोखिम भरे रास्ते भी सुरक्षा बलों के जोश और प्रतिबद्धता को डिगा नहीं पाए हैं। सभी बल कठिन भौगोलिक और मौसमीय चुनौतियों के बावजूद पूरे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

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