इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

भारत के आपत्ति के बावजूद भी चीनी संसद ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने के लिए मंजूरी दी- राजेंदर दूबे (स्पेशल एडिटर )

बीजिंग। चीन की संसद ने गुरुवार को 14वीं पांच वर्षीय योजना पर अपनी मुहर लगा दी। इसमें तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विवादास्पद बांध निर्माण के प्रस्ताव समेत अरबों डॉलर की कई बड़ी परियोजनाओं का खाका है। तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर जल विद्युत परियोजना अरुणाचल प्रदेश की सीमा के समीप प्रस्तावित है। भारत इस पर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा चुका है।
चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने गुरुवार को 14वीं पांच वर्षीय योजना (2021-2025) को मंजूरी दी। संसद सत्र के अंतिम दिन पारित की गई इस योजना में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के साथ ही वर्ष 2035 तक के दीर्घकालीन लक्ष्यों का जिक्र भी है। पांच वर्षीय योजना में चीन के विकास संबंधी 60 प्रस्तावों का खाका है। इस योजना पर मुहर लगाने के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली कछ्यांग भी मौजूद रहे। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इन प्रस्तावों को पिछले साल ही पारित कर चुकी है। हाल में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के चेयरमैन शी डल्हा ने चीनी सरकार से ब्रह्मपुत्र नदी पर जल विद्युत परियोजना का निर्माण जल्द शुरू करने की मांग की थी।
उन्होंने गत शनिवार को कहा था, ‘परियोजना के लिए पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इसी वर्ष निर्माण शुरू करने का प्रयास करना चाहिए।’ तिब्बत में सांग्पो के नाम पहचानी जाने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रस्तावित जलविद्युत परियोजना से भारत चिंतित है। यह आशंका है कि परियोजना के निर्माण से नदी के बहाव में बाधा आ सकती है। इससे भारत के उन क्षेत्रों (पूर्वोत्तर राज्यों) में सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है, जहां से यह नदी बहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *