एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी के दावे से कोरोना महामारी कांड में चौतरफा घिरा चीन – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)

वॉशिंगटन
कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में 34 लाख से ज्यादा लोगों की मौत के बावजूद इसकी उत्पत्ति को लेकर अबतक अटकलें ही लग रही हैं। दुनिया के कई देश इस खतरनाक वायरस के पैदा होने की जगह चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को मानते हैं। उनका दावा है कि चीन ने इस महामारी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपाकर इसे पूरी दुनिया में फैलाया। अब नया खुलासा हुआ है कि नवंबर 2019 में इस लैब में काम करने वाले तीन रिसर्चर्स इतने बीमार हो गए थे जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था। बड़ी बात यह है कि उस समय पूरी दुनिया कोविड-19 के नाम तक से अनजान थी।

ट्रंप के समय के अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में जिक्र
इसका खुलासा अमेरिकी मीडिया वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अज्ञात अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के हवाले से किया है। माना जा रहा है कि इससे विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 वायरस के उत्पत्ति के बारे में काफी सहायता मिल सकती है। आज ही डब्लूएचओ की एक बैठक होने वाली है, जिसमें वायरस की उत्पत्ति को लेकर चर्चा की जाएगी। इस रिपोर्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी दिनों में स्टेट डिपार्टमेंट फैक्ट शीट में जारी किया गया था।

सबूत को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय
चीन के वुहान लैब में बीमार पड़े तीन शोधकर्ताओं के बीमार होने की इस खुफिया जानकारी को लेकर डब्लूएचओ से जुड़े अधिकारियों ने अलग-अलग राय रखी है। कुछ विशेषज्ञों ने इसे कोविड की उत्पत्ति से जुड़ी अहम कड़ी करार दिया है तो कुछ ने कहा है कि इस सूचना को अंतरराष्ट्रीय भागीदार के जरिए प्राप्त किया गया है, इसलिए अभी भी हमें आगे की जांच और अतिरिक्त पुष्टि की आवश्यकता है। हालांकि, कई अमेरिकी अधिकारियों ने इसे काफी मजबूत सबूत बताया है।

दुनिया नवंबर 2019 में मानती है कोविड का जन्म
दुनिया के कई शीर्ष महामारी विज्ञानियों और वायरोलॉजिस्टों का मानना है कि कोविड-19 महामारी का कारण SARS-CoV-2 का जन्म नवंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से हुआ। जबकि, चीन का कहना है कि इस वायरस का पहला पुष्ट मामला 8 दिसंबर 2019 को आया था, जब एक व्यक्ति के अंदर यह वायरस पाया गया। चीन के उपर शक इसलिए भी जताया जाता है कि उसने आजतक वुहान इंस्टीट्यूट में चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस को लेकर किए जा रहे अपने व्यापक कार्य का डेटा, सुरक्षा लॉग और लैब रिकॉर्ड साझा नहीं किए हैं।

चीन करता रहा है वायरस की उत्पत्ति से इनकार
चीन ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि वायरस उसकी एक लैब से निकला है। चीन के विदेश मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाली टीम के फरवरी में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की यात्रा के बाद दावा किया था कि इस प्रयोगशाला से किसी भी वायरस के रिसाव की संभावना बहुत कम थी। हालांकि, अब भी दुनियाभर के अधिकतक देशों का मानना है कि इसी लैब से कोविड-19 के वायरस का रिसाव हुआ था।

अमेरिका बोला- चीनी लैब से ही फैला कोरोना
वॉल स्ट्रीट जर्नल की इस रिपोर्ट को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम चीन के लैब से इस वायरस के फैलने के सिद्धांत को अब भी मानते हैं, इसलिए हम इसके प्रचार से पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि, बाइडन प्रशासन ने ट्रंप के समय के उस खुफिया रिपोर्ट के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

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