इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

तिब्बत के निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति ने चीन को चेताया कि वह तिब्बत को अपना हिस्सा न घोषित करें -राकेश पांडेय (स्पेशल एडिटर)

चीन की ओर से तिब्बती लोगों पर दिनोंदिन बढ़ रहे अत्याचार पर तिब्बत के निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति लोबसांग सांग्ये ने चीन को चेताया कि वह तिब्बत को अपना हिस्सा बनाने की कोशिश न करे। एक साक्षात्कार में सांग्ये ने कहा, चीन तिब्बत को अपना हिस्सा बनाना चाहता है और तिब्बती को चीनी।

तिब्बत के लोगों की नसबंदी का लगाया आरोप
सांग्ये ने इसके साथ ही कहा कि चीन तिब्बती लोगों पर अत्याचार कर रहा है, उनकी नसबंदी और हत्या कर रहा है। यह हर हाल में रुकना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां तक चीन का सवाल है मौजूदा समय में पूरी दुनिया के समक्ष चुनौती है कि या तो वह चीन को बदल दे या फिर चीन उसे बदल देगा।
केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) के निवर्तमान राष्ट्रपति ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से मिलकर चीनी अतिक्रमण के खिलाफ तिब्बत में और अधिक सहायता मांगी। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार तिब्बत में हालात और खराब हुए हैं।
यहां तक कि तिब्बती कवि, लेखकों और गायकों को गिरफ्तार किया जा रहा है। वहीं, तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा की तस्वीर रखने पर भी लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है। एक गैर संस्था फ्रीडम हाउस की ओर से सबसे कम मुक्त देशों की सूची में सीरिया के साथ तिब्बत को रखा था।

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