इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

सीमा की सैन्य चौकियों को गंवाने के बाद अफगान मिलीट्री के जवानों ने पाकिस्तान में लिया शरण – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को कहा कि तालिबान विद्रोहियों की प्रगति के बाद सीमा पार सैन्य चौकियों पर नियंत्रण खोने के बाद 46 अफगान सैनिकों ने देश में शरण ली है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तालिबान के हमलों के बाद हाल के हफ्तों में सैकड़ों अफगान सेना के सैनिक और नागरिक अधिकारी पड़ोसी ताजिकिस्तान, ईरान और पाकिस्तान भाग गए हैं।
पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा, अफगान सैन्य कमांडर ने उत्तर में चित्राल में सीमा पार पर शरण का अनुरोध किया। अफगान अधिकारियों से मंजूरी के बाद रविवार रात सैनिकों को पाकिस्तान में सुरक्षित मार्ग दिया गया।
बयान में कहा गया, ‘अफगान सैनिकों को स्थापित सैन्य मानदंडों के अनुसार भोजन, आश्रय और आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई है।’ यह कदम पड़ोसियों के बीच खराब संबंधों के समय उठाया गया है। इस महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद में अफगान राजदूत की बेटी के संक्षिप्त अपहरण के बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया।
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अप्रैल में घोषणा किए जाने के बाद कि वह सितंबर तक अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा, तालिबान ने अपना आक्रमण तेज कर दिया। अमेरिका की यहां से निकलने के साथ ही 20 साल की विदेशी सैन्य उपस्थिति समाप्त हो जाएगी।
वाशिंगटन ने कहा है कि वह विद्रोही हमलों का सामना कर रहे अफगान बलों का समर्थन करने के लिए हवाई हमले करना जारी रखेगा। अफगान सरकार और तालिबान वार्ताकार कतर की राजधानी दोहा में हाल के हफ्तों में मिले हैं, हालांकि राजनयिकों का कहना है कि सितंबर में शांति वार्ता शुरू होने के बाद से ठोस प्रगति के कुछ संकेत मिले हैं।
अफगान और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि युद्ध के मैदान में हुए नुकसान से जूझ रही अफगानिस्तान की सेना तालिबान के खिलाफ अपनी युद्ध रणनीति में काबुल और अन्य शहरों, सीमा पार और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के आसपास बलों को केंद्रित करने के लिए काम कर रही है।
वहीं, पाकिस्तानी सेना ने कहा कि जिन सैनिकों ने शरण मांगी थी, उन्हें उचित प्रक्रिया के बाद अफगानिस्तान लौटा दिया जाएगा, जैसा कि जुलाई में पहले 35 सैनिकों का एक और जत्था था।

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