चार्ज शीट

तालिबान ने हैवानियत व क्रूरता की सारी हदों को किया पार, न्यूज कवरेज के दौरान हिरासत में लेकर पत्रकारों की तब तक पिटाई की गई जब कि उनकी चमड़िया नहीं उधड़ गई – विजयशंकर दूबे (क्राइम एडिटर)


नई दिल्ली । तालिबानी आतंकियों की सरकार ने क्रूरता और हैवानियत की सारी हदें पार कर दी है, इसके पीछे वजह भी है न तो इन आतंकियों को रोकने वाला है न कोई टोकने वाला, इसलिए जो मर्जी आये कर रहे हैं राजधानी काबुल के एक पुलिस स्टेशन में तालिबानियों ने दो पत्रकारों को चार घंटे तक बंधक बनाए रखा और नंगा कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से उनकी बेदम पिटाई की। दोनों के शरीर पर घाव के निशान तालिबानी क्रूरता को बयां कर रहे हैं। इन पत्रकारों का सिर्फ इतना कसूर था कि इन्होंने काबुल में महिलाओं के विरोध-प्रदर्शन को कवर किया था।
बताते चले कि इससे पहले काबुल समेत कई प्रांतों में महिलाओं ने सरकार में अपनी भागीदारी और पाकिस्तान की दखलअंदाजी को लेकर तालिबान के खिलाफ जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन किया था। तालिबानियों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने बंदूक की बट से कुछ महिलाओं पर वार किया था, जिसमें उनके चेहरे पर गंभीर चोट आई थी। इतना ही नहीं कुछ महिलाओं को तो भीड़ में ही बीच सड़क कोड़ों से पीटा गया। राजधानी काबुल में प्रदर्शन के दूसरे दिन महिलाओं की भीड़ पर गोलियां भी बरसाईं गई थीं। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।

फोटोग्राफर नेमातुल्लाह नकदी ने एक न्यूज ऐजेंसी को बताया, कि ‘तालिबान लड़ाकों में से एक ने मेरे सिर पर पैर रखा और कंक्रीट से मेरा चेहरा कुचल दिया। उन्होंने मेरे सिर में लात मारी… मुझे लगा कि वे मुझे मारने जा रहे हैं।’ नेमातुल्लाह नकदी ने बताया कि रिपोर्टर तकी दरयाबी और मुझे काबुल में एक पुलिस थाने के सामने महिलाओं द्वारा काम और शिक्षा के अधिकार की मांग करने वाले एक छोटे से विरोध को कवर करने का काम सौंपा गया था।


नकदी ने कहा कि जैसे ही उसने तस्वीरें लेना शुरू किया, तालिबान लड़ाके ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने मुझसे कहा, आप फोटो नहीं ले सकते। फिर तालिबानी लड़ाकों ने हमसे फोन छीन लिए और गिरफ्तार कर लिया। नकदी ने कहा कि तालिबान ने उनका कैमरा छीनने की कोशिश की, लेकिन वह भीड़ में किसी को सौंपने में कामयाब रहे। हालांकि, तीन तालिबान लड़ाकों ने उन्हें पकड़ लिया और थाने ले जाकर पिटाई शुरू कर दी।

नकदी ने कहा, ‘तालिबान ने मुझे लात मारी और महिलाओं के प्रदर्शन के आयोजक होने का आरोप लगाया गया। जब मैंने उनसे पूछा कि मुझे क्यों पीटा जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि तुम भाग्यशाली हो जो तुम्हारा सिर नहीं काटा गया।’ हम दोनों को तालिब ने खूब पीटा। कुछ घंटों बाद हमें बिना किसी स्पष्टीकरण के रिहा कर दिया गया।

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