श्रीनगर। एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि घाटी में बीते दिनों में गैर मुस्लिमों की हुई हत्याओ के पीछे पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी का हाथ है। कश्मीर घाटी में एक्टिव आतंकी संगठनों को पाक खुफिया ऐजेंसी ने हीं पिछले महीने ऐसे हमले लगातार जारी करने का आदेश दिया था।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,पाक खुफिया ऐजेंसी ने घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों को 200 लोगों की एक हिटलिस्ट भी सौंपी है। इसमें सुरक्षा बलों और पुलिस के साथ काम कर रहे कश्मीरी सरकारी कर्मचारी,भाजपा और RSS से जुड़े गैर कश्मीरियों के नाम के साथ गैर मुस्लिम भी शामिल हैं।
प्राप्त रिपोर्ट की जानकारी के अनुसार,ISI ने इसी साल 21 सितंबर को POK के मुजफ्फराबाद में आतंकी संगठनों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की थी। जिसमें ISI के अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि वे कश्मीर में अशांति और खौफ का माहौल तैयार करें।
इसके लिए आतंकी संगठनों को अपनी रणनीति बदलकर सुरक्षा बलों की बजाय आम नागरिकों को निशाना बनाने के लिए कहा गया। खासतौर पर कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया,ताकि एक बार फिर घाटी से गैर मुस्लिम आबादी का पलायन शुरू हो जाए जैसे 1990 में माहौल बना था।
मिली जानकारी के अनुसार,ISI की इस गोपनीय बैठक की जानकारी मिलने पर भारतीय खुफिया ऐजेंसियो ने तत्काल एक अलर्ट जारी किया था।
भारतीय ऐजेंसियों द्वारा जारी अलर्ट के मुताबिक,आतंकी संगठनों को ऐसे कश्मीरियों की हत्या करने के लिए कहा गया है,जो पुलिस, सुरक्षाबलों, खुफिया विभाग या दूसरे अहम सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं। गैर-कश्मीरी नागरिकों में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े लोगों को चुनकर निशाना बनाने का निर्देश ISI ने आतंकी संगठनों को दिया था,इसके बाद ही पिछले कुछ दिनों से ही कश्मीर में इन आतंकी संगठनों द्वारा गैर मुस्लिमों पर आतंकी हमले तेज हो गए।
इसी क्रम में एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय खुफिया ऐजेंसियों ने अपने अलर्ट में ISI की तरफ से आतंकी संगठनों को 200 लोगों की एक हिटलिस्ट भी सौंपे जाने की रिपोर्ट भी जारी की है। इस हिटलिस्ट में उन लोगों के नाम हैं,जिनकी हत्या होने पर ISI के हिसाब से घाटी में डर और तनाव का माहौल बन सकता है।
इस हिटलिस्ट में मीडियाकर्मियों के भी नाम शामिल हैं। साथ ही कई ऐसे कश्मीरी पंडितों के भी नाम हैं,जो सक्रिय रूप से कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
ऐजेंसियों के अलर्ट में यह भी कहा गया है कि ISI और आतंकी संगठन अपनी साजिश के लिए भारतीय सुरक्षा बलों के निशाने पर पहले से मौजूद सक्रिय आतंकियों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं,बल्कि इन आतंकी घटनाओं को अंजाम वो लोग दे रहे हैं जिनका कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं और इन लोगों को बहुत सख्त ट्रेनिंग की भी जरूरत नहीं है तभी तो अभी तक इस घटना क्रम में जितनी भी हत्यायें हुई इनमें
पिस्टलों के इस्तेमाल होने की रिपोर्ट सामने आई।
इन आतंकी संगठनों को घाटी में आतंकी हमलों के लिए पिस्टल,एके-47 और ग्रेनेड भी पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी ने ही मुहैया कराए हैं और इन हथियारों की तस्करी LOC से उरी और तंगधार के रास्ते की गई है।
भारतीय खुफिया ऐजेंसियो की रिपोर्ट के अनुसार,इन हमलों की जिम्मेदारी लेने के लिए घाटी में पहले से ही सक्रिय पुराने आतंकी संगठनों के अलावा एक नये संगठन का नाम तैयार किया गया है,ताकि इन हमलों का तार कहीं से भी पाकिस्तान से न जुड़े और भारतीय ऐजेंसियां भ्रमित रहे।
और इन आतंकी हमलों को स्थानिय स्तर का विद्रोह करार किया जा सके।