एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

कश्मीर के जंगलों में पिछले कई दिनों से सर्च आॅपरेशन जारी था, हैलीकॉप्टर से भी निगरानी जारी थी, आज उसी जंगल में सेना के एंकाउटर में 6 आतंकी हुए ढेर, अभी भी एंकाउटर जारी है – रविशंकर मिश्र/अमरनाथ यादव

श्रीनगर। कश्मीर में मंगलवार का दिन भारतीय सेना के लिए बहुत लकी रहा,बीते कई दिनों से घाटी आतंकी हमलों का जारी दौर के बीच आज मंगलवार को सेना ने राजौरी के जंगलों में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 6 आतंकियों को एक मिलीट्री आॅपरेशन में ढेर कर दिया,मिली जानकारी के अनुसार अभी अब भी सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है।

बताते चले कि सेना के 16 कॉर्प्स के जवान 3 से 4 आंतंकियों के साथ एंकाउटर में डटे हुए हैं,दोनों तरफ से हैवी फायरिंग जारी है।
गौरतलब है कि बीते दिनों पूर्व राजौरी-पुंछ में आतंकियों के सर्च आॅपरेशन में सेना के 9 सैनिकों की शहादत के बाद 16 अक्टूबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत इलाके का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आर्मी कमांडर्स से मुलाकात की थी और आतंकियों के खिलाफ जारी मिलीट्री ऑपरेशंस के बारे में जानकारी ली थी।

बताया जा रहा है कि इस दौरान जनरल बिपिन रावत ने आर्मी कमांडर्स को कुछ ऐसे टिप्स दिये जिसको कमांडरों ने फालो किया और सेना को आज 6 आतंकियों को ढेर करने में सफलता मिली। इसी क्रम में सेना के एक कमांडर ने कहा कि,’आतंकी इन जंगलों में छिपकर ऑपरेट कर रहे थे। इसके चलते वे आसानी से अपनी जगह बदल रहे थे और बड़ी संख्या में फोर्स उनकी तलाश में जुटी थी।’ इलाके में सेना द्वारा लगातार सघन सर्च आॅपरेशन चलाया जा रहा था और इन आतंकियों की तलाश में पैरा कमांडो भी लगाये गए थे। तथा जंगल के उपर हैलीकॉप्टर से भी लगातार निगरानी जारी थी।
उधर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इनपुट जारी किया है कि बीते दो से तीन महीनों में राजौरी-पुंछ सीमा से 9 से 10 लश्कर के आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की थी।

ऐजेंसियों के सूत्रों का यही कहना है कि अफगानिस्तान में बदले हालातों के बाद से ही पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हौसले बढ़ हुए हैं और उनकी भारत में घुसपैठ की कोशिशों में इजाफा हुआ है। दरअसल सेना ने आतंकवादियों से निपटने की अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। सेना चाहती है कि वे आसपास के गांवों में जाकर छिपें और जैसे ही ये आतंकी किसी के यहां भी छिपेंगें तत्काल सेना को सूचना मिल ही जायेगी क्योंकि घाटी में फोर्स से ज्यादा फोर्स के मुखबिर सक्रिय है यानि चप्पे चप्पे पर मुखबिरों की तैनाती है।
यही वजह है कि गांवों में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना सेना को तत्काल मिल जाती है और फोर्स फौरन हरकत में आ जाती है और चारो तरफ से घेरकर तब एनाउंस किया जाता है सरेंडर के लिए, सरेंडर कर दिया तो ठीक नहीं तो एंकाउटर शुरू और थोड़ी ही देर में खबर आती है कि आतंकवादी जन्नत में पहुंचकर मजे लूट रहा है।

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