नई दिल्ली। 21 अक्टूबर 1943 के दिन यानि आज ही के 21 अक्टूबर को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद फौज का गठन किया था। आजाद हिंद फौज को सरकार भी कहा जाता था।
इस आजाद हिंद फौज सरकार के पास अपनी आर्मी से लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस आजाद सरकार के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री भी सुभाष चंद्र बोस ही थे। इस आजाद सरकार को जापान,जर्मनी फिलीपींस सहित कुल 9 देशों ने मान्यता भी प्रदान की थी। इस सरकार ने अपना बैंक भी अप्रैल 1994 तक ‘आजाद हिंद बैंक’ नाम से स्थापित किया था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक,रास बिहारी बोस ने इस आजाद हिंद फौज की अगुवाई पहले किये थे। जुलाई 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जर्मनी से सिंगापुर पहुंचे। वहीं से उन्होंने दिल्ली चलो का नारा दिया था।
आजाद हिंद फौज को अंग्रेजो से लड़ने के लिए तैयार करने में जापान ने बड़ी मदद की थी। बताया जाता है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान का नाम बदलकर शहीद द्वीप और निकोबार का स्वराज द्वीप रखा था। इम्फाल और कोहिमा के मोर्चे पर कई बार अंग्रेजी सेना को आजाद हिंद फौज ने युद्ध में हराया था। बताते चले इस आजाद सरकार का अपना बैंक,अपनी मुद्रा,डाक टिकट,गुप्तचर विभाग और दूसरे देशों में दूतावास भी थे।