सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली। वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना के हिरों रहें 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को उसकी विशिष्ट सेवा के लिए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आगामी बुधवार को ‘प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड’ से सम्मानित करने जा रहे हैं। किलर स्क्वाड्रन के नाम वाले इस मिसाइल से नौसेना ने 1971 की लड़ाई में दुश्मन के कराची बंदरगाह को नेस्तनाबूद तो किया ही था साथ ही दुश्मन के कई युद्धपोतों को भी समुद्र में डुबोया था।
भारतीय नौसेना की तरफ से बताया गया है कि’किलर्स’ नाम से प्रसिद्ध ‘मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन’ के गठन को इस साल पूरे 50 वर्ष हो गए और पिछले पांच दशकों में इसने समुद्र में आक्रमण की अपनी क्षमता को बरकरार रखा।
बताते चले कि मुंबई में स्थित ‘मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन’ ने ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में भी हिस्सा लिया था और वर्ष 2019 फरवरी में पुलवामा हमले के बाद उपजे तनाव के चलते देश की सामुद्रिक सीमा पर भी इसकी तैनाती की गई थी।
नौसेना अधिकारियों के मुताबिक, ‘किलर्स’ नाम की शुरुआत 1969 की है जब भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए पूर्ववर्ती यूएसएसआर से लिए गए ओएसए 1 क्लास मिसाइल बोटों को सेना में शामिल किया गया था।
गौरतलब है कि 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध को 2021 में पूरे 50 साल हो गए हैं, इस युध्द में देश की तीनों सेनाएं अपनी पूरी तैयारी एवं पूरी ताकत के साथ भाग ली थी, जहां बाद में दुश्मन 93 हजार सैनिकों के साथ भारत के सामने सरेंडर कर दिया था,जो कि दुनिया का यह सबसे बड़ा सैनिक समर्पण था।