सांकेतिक तस्वीर।
कोहिमा/नई दिल्ली। नागालैंड गोलीकाण्ड में एक नया दावा सामने आया है,जिसमें एक आदिवासी संगठन के हवाले से बताया जा रहा है कि शनिवार को मोन जिले में सेना की फायरिंग में 17 लोगों की मौत हुई है,जबकि वहीं पुलिस सिर्फ 14 लोगों की ही पुष्टि कर रही है। वहीं घटना से दुखी नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (NSF) ने प्रदेश में पांच दिनों के शोक का ऐलान करते हुए कहा है कि इस दौरान किसी भी तरह के उत्सव में शामिल न हों।
वहीं एक अन्य जानकारी में बताया जा रहा है कि गोलीबारी में घायल हुए लोगों में से 6 की हालत बेहद गंभीर है। घटनाक्रम में नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो और डिप्टी सी.एम. वाई पैट्टन आज घटनास्थल का दौरा करेंगे,तो वहीं, देश के गृह मंत्री अमित शाह भी घटना के संबंध में आज संसद में बयान देंगे।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना के संबंध में हाई लेवल की एक बैठक बुलाई है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेता और अधिकारी भी शामिल होंगें।
वहीं गोलीबारी में शामिल सेना की टुकड़ी पर गैर इरादतन हत्या करने के आरोप में FIR दर्ज करके 5 सदस्यीय उच्च अधिकारियों के निगरानी में क्राईम ब्रांच को केस स्थानांतरित कर दिया गया है।
वहीं शनिवार को हादसे की सूचना मिलने पर गुस्साए लोगों ने असम राइफल्स पर हमला भी कर दिया था,जहां इस झड़प में एक और नागरिक और एक जवान भी मारा गया। वहीं झड़प के बाद उपजे तनाव के दौरान मोन टाउन में कर्फ्यू लगा दिया गया है,और सोमवार तक के लिए इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है तथा जरूरी सामान की सप्लाई छोड़कर सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
इस दुखद घटना के संबंध में असम राइफल्स के अधिकारियों का कहना है उग्रवादी संगठन NSCN से जुड़े उग्रवादियों के आने की सूचना पर फोर्स वहां अंबुस पर तैनात थी, इंटल रिपोर्ट में जिस रंग की गाड़ी का और समय का जिक्र था ठीक उसी रंग की गाड़ी और ठीक उसी समयानुसार वह गाड़ी ओटिंग रूट पर गुजरी,जहां सुरक्षाबलों ने गाड़ी को रोकने का ईशारा किया लेकिन गाड़ी रूकी नहीं,जिस वजह से एक छोटी सी गलतफहमी के चलते फायरिंग हो गई और यह दुखद घटना घट गई। घटना के संबंध में सैन्य अधिकारियों ने भी मारे गए लोगों पर अफसोस जाहिर किया है।
बताते चले कि बीते शनिवार रात की इस घटना के बाद आसपास के गांवों के लोगों ने सुरक्षाबलों को घेर लिया और उन पर जानलेवा हमला भी कर दिया,इस दौरान एक सैनिक भी गंभीर रूप से घायल हो गया,जहां बाद में उसकी भी मौत हो गई,इस दौरान आत्म रक्षा में जवानों ने फिर फायरिंग किया जिसमें 5 लोग फिर मारे गए,जिस वजह से उत्तेजित भीड़ ने सेना के वाहनों में आग लगा दिये। बाद में सेना ने इस घटना को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिया।
वहीं मोन जिले के BJP के जिलाअध्यक्ष ने कहा कि शनिवार को वे कहीं जा रहे थे, इस दौरान सेना ने उन पर भी फायरिंग की,जिससे उनके एक साथी की भी मौत हो गई।
घटना के संबंध में सीक्रेट ऑपरेशन द्वारा गंभीरता से एनालिसिस किया गया जिसमें एक बात की आशंका उभरकर सामने आई है कि जिस आतंकी संगठन की इंटल रिपोर्ट के आधार पर गलतफहमी के चलते यह दुखद घटना घटी है, क्या उसी संगठन ने फर्जी सूचना के जरिए इस घटना की साजिश रचा था ?
चूंकि अक्सर देखा गया है कि दुश्मन कभी कभार फर्जी सूचना भेजवाकर, अंबुस करके आॅपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को निशाना बनाते रहें हैं। इसलिए इस घटना में भी यहीं हरकत समझ में आ रही है।
फिलहाल जांच में आगे सारी चीजें साफ हो जायेंगी।