
सांकेतिक तस्वीर।
वॉशिंगटन/टोक्यो। दुश्मन के खिलाफ भारत समेत दुनिया के छह देशों की घातक पनडुब्बीयां इस समय प्रशांत महासागर में एक खास सीक्रेट मिशन के तहत पनडुब्बी रोधी ड्रिल पर है। बताया जा रहा है कि C-ड्रैगन 22 नाम से जारी इस ड्रिल में भारत के अलावा अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया,कनाडा,जापान और दक्षिण कोरिया की नौसेनाओं की सबमरीन हिस्सा ले रही हैं। एक विशेष सूत्र के अनुसार इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों की जासूसी करना और अन्य जरूरी रिपोर्ट का पता लगाना है।
बताते चले कि इस युद्धाभ्यास में क्वाड देशों के सदस्य देशों की भी सबमरीन शामिल हैं,जिनका चीन के साथ सीधा विवाद है। क्वाड के चारों देश मालाबार युद्धाभ्यास में भी हिस्सा ले रहे हैं,यहीं नहीं इस ड्रिल में अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के पी-8 आई पोसाइडन विमान और पनडुब्बियां भी शामिल हैं। वहीं भारत की नौसेना की तरफ से भी पी-8आई पोसाइडन एयरक्राफ्ट को भी इस ड्रिल में लगाया गया है।
इस ड्रिल आॅपरेशन को पूरे 270 घंटे से अधिक इन-फ्लाइट लीड किये जाने का प्लान किया गया है। इस दौरान सभी देशों के विमान और युद्धपोत अमेरिकी नौसेना की एक लाइव पनडुब्बी का पता लगाने की कोशिश करेंगे। प्रत्येक घटना को ग्रेड दिया जाएगा और उच्चतम कुल अंक प्राप्त करने वाले देश को प्रतिष्ठित ड्रैगन बेल्ट पुरस्कार प्राप्त होगा। बता दें कि पिछले साल इस पुरस्कार को रॉयल कैनेडियन वायु सेना ने जीता था।
विशेष सूत्र का कहना है कि इस ड्रिल आॅपरेशन में शामिल घातक पनडुब्बीयां,खतरनाक एअरक्राफ्ट आज के समय के बेहद उम्दा किस्म के है जो कि उच्च स्तर की तकनीकी उपकरणों से लैश है,ये दुश्मन के खिलाफ जासूसी के अलावा सभी टास्क को पूरा करने में सक्षम है,हालांकि यहां साफ करना जरूरी है कि चीन के खिलाफ जारी इस ड्रिल पर चीनी ऐजेंसियों की पूरी नजर रहेगी,क्योंकि यह पूरा ऑपरेशन सिर्फ चीन को हीं टारगेट करेगा।
