एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने भेजा मदद, तो वहां के पूर्व मंत्री ने कहा कि भारत मदद ना भेजता तो हम खत्म हो जाते – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


श्रीलंका में राष्ट्रपति भवन के सामने हिंसक झड़प के दौरान की तस्वीर।

कोलंबो। श्रीलंका में पिछले कई दिनों से जारी भीषण आर्थिक संकट के चलते अब वहां की स्थिति बेहद संवेदनशील हो चुकी है। जिसकी वजह से अभी हाल ही में वहां हिंसक झड़पें भी हुई,इसलिये श्रीलंका अब घोषित आपातकाल का सामना कर रहा है,लेकिन स्थिति और भी नाजुक होने की वजह से कर्फ्यू के बाद अब श्रीलंका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। रविवार को देश में फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आउट ऑफ सर्विस हो गए। बता दें कि इंटरनेट पर निगरानी रखने वाली संस्था NetBlocks ने इसकी जानकारी दी है।

तो वहीं,राजधानी कोलंबो में कर्फ्यू लागू होते ही सड़कें खाली हो गई हैं। सभी दुकानें बंद हो गई हैं। चप्पे-चप्पे पर आर्मी और पुलिस के जवान पहरा दे रहे हैं,ताकि लाॅ एंड आर्डर नियंत्रण में रहें।

इस दौरान राजधानी कोलंबो की सड़कों पर सिर्फ पुलिस और आर्मी के जवानों के वाहन दिख रहे हैं। तो वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत सामने आया है। जहां भारत ने फ्यूल क्राइसिस से जूझते श्रीलंका की मदद के लिए ऑयल टैंकर भेजा था,जो शनिवार को श्रीलंका पहुंच गया। जिसे बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।

इधर,भारत की तरफ से इतनी बड़ी मदद दिये जाने पर श्रीलंका के पूर्व मंत्री डॉ. हर्षा डीसिल्वा ने एक भारतीय मीडिया समूह से बातचीत के दौरान कहा कि अगर भारत मदद नहीं भेजता तो हम खत्म हो जाते। उन्होंने आगे भी कहा कि गोटबाया सरकार ने देश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

मदद की कड़ी में भारत ने श्रीलंका को चावल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि भारत 40 हजार टन चावल श्रीलंका में भेजने के लिए लोडिंग कराना शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि भारत साल 2022 में श्रीलंका को कम से कम 300,000 टन चावल भेजेगा। इससे श्रीलंका में आपूर्ति बढ़ेगी,जिससे देश में कीमतें सामान्य हो सकती हैं।

बताते चले कि श्रीलंका में गहराती आर्थिक समस्या के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बीते शुक्रवार को देश में आपातकाल लागू कर दिया है,जहां इसके बाद पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शनिवार को राजधानी कोलंबो में सेना की तैनाती के बीच दुकानें खोली गईं,ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें।

इधर,श्रीलंका में राजपक्षे की सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने कैबिनेट भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग की है। इनका कहना है कि हालिया कैबिनेट बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है।

इससे पहले गुरुवार देर रात हजारों लोगों ने राष्‍ट्रपति राजपक्षे के निवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन और पथराव किया। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस हिंसक टकराव में कम से कम 5 पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग घायल हुए। हिंसा के आरोप में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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