एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग के 39वें दिन यूक्रेन की फोर्स ने काउंटर अटैक में रुसी एअरफोर्स को पहुंचाया भारी नुकसान, कई लड़ाकूं विमानों को मार गिराया – चंद्रकांत मिश्र/सतीश उपाध्याय


सांकेतिक तस्वीर।

कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई का आज 39वां दिन है,जहां अभी तक रूस कुछ सफलता हासिल नहीं कर सका है,बल्कि अब कई इलाकों पर फिर से यूक्रेन काबिज होता दिख रहा है,जहां इस दौरान यूक्रेन के शहर ओडेसा पर रूस की ओर से जबरदस्त मिसाइल हमले किए जारी हैं। तो वहीं ओडसा के सिटी काउंसिल ने कहा कि,ओडेसा पर लांच की गई मिसाइलों का उद्देश्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना था।

उधर,जंग के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि,कीव और चर्नीहीव के पास के इलाकों पर फिर से यूक्रेनी सैनिक अपना कब्जा जमा रहे हैं।

इस दौरान ओडेसा शहर को रूसी हमलों से बचाने के लिए ब्रिटेन की तरफ से कहा जा रहा है कि यूक्रेन को हथियार देने की योजना बन रही है। चूंकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने दो अप्रैल को मंत्रियों के साथ हुई बैठक में कहा कि,रूसी बमबारी को रोकने के वह यूक्रेन को जहाज रोधी मिसाइलों से लैस करना चाहते हैं।

इधर,अमेरिकी खुफिया ऐजेंसियों की ओर से दावा किया गया है कि,पुतिन नौ मई तक डोनाबास पर पूरी तरह से अपना कब्जा जमाना चाहते हैं। इस कारण वह अपना ध्यान सिर्फ डोनाबास में ही लगा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सैनिक उन क्षेत्रों पर कब्जा नहीं कर सकते जहां पर इस समय वे जंग लड़ रहे हैं।

तो वहीं इन सबके बीच ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि,रूस अब अपनी वायु सेना को दक्षिणपूर्णी यूक्रेन को निशाना बनाने के लिए केंद्रित करने का निर्देश दिया है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में रूस हवाई श्रेष्ठता हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में अब वह अपने अभियान को दक्षिणपूर्वी यूक्रेन पर केंद्रित कर रहा है।

इधर,रविवार की सुबह यूक्रेन की ओर से रूसी वायु सेना को करारा जवाब दिया गया है। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि,रूस ने पिछले 24 घंटों में चार मिसाइलों, दो एसयू-34 लड़ाकू विमान, एक हेलीकॉप्टर व अन्य से हमला बोला। वायु सेना ने बताया कि, यूक्रेनी सेना ने इन सभी हमलों को रोक दिया और दुश्मन की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया।
वहीं इस पूरे मिलीट्री ऑपरेशन का गंभीरता पूर्वक विश्लेषण करने के उपरांत यही प्रतीत हो रहा है कि यह जंग अब रूस के हाथ से निकलता जा रहा है।

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