फोटो में सामने से दायें सैन्य वर्दी में रुसी जनरल ‘अलेंक्जेंडर’ (फाईल फोटो)
मॉस्को/कीव। रूस पिछले 46 दिनों से यूक्रेन के खिलाफ भीषण जंग छेड़ रखा है,कहने को तो रूस इसे एक मिलीट्री आॅपरेशन कह रहा है,लेकिन दुनिया इसे भीषण युध्द मान रही है। इस दौरान यूक्रेन में रूसी फौज ने भारी तबाही मचाई हुई है,अफसोस रूसी सेना अभी तक सिर्फ तबाही तक हीं सीमित है,यानि कुछ खास सफलता नहीं मिल सकी है। युध्द लंबा खिंचता चला जा रहा है और परिणाम की कोई गारंटी निकट भविष्य तक नहीं दिख रही है,इसीलिए क्रेमलिन अब तक अपने कई कमांडरों को इस लड़ाई से बाहर कर दिया,आये दिन कमांडर हटाये जा रहे हैं,बदले जा रहे हैं,यहां तक की आॅपरेशन की रणनीतियां भी बदली जा रही है फिर भी दुश्मन पर रूसी फौज अभी तक फतेह नहीं कर सकी है। यही वजह है कि अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन जंग में रूसी सेना को बेहतरीन मिलीट्री लीडरशिप के लिए एक नए जनरल को “यूक्रेन” का टास्क दिया है। शनिवार को सीएनएन की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। वहीं एक अन्य रिपोर्ट में अमेरिका और यूरोपीय ऐजेंसियों के हवाले से दावा किया गया है पुतिन की सेना ने देश के उत्तरी हिस्से से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा है,चूंकि 46 दिन के बाद भी रूसी फौज यूक्रेन की राजधानी “कीव” का टास्क पूरा करने में अब तक नाकाम साबित रही है।
बता दें कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ इसी साल के बीते 24 फरवरी को युध्द शुरू किया था। जहां इस दौरान क्रेमलिन को अंदाजा नहीं था कि यह आॅपरेशन इतना लंबा खिंचेगा और उन्हें इतने कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि आॅपरेशन को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पुतिन ने अब रूस के साउदर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव को यूक्रेन में रूस के सैन्य हमले के थिएटर कमांडर के रूप में नियुक्त किया है। कहा जा रहा है कि लंबे युद्ध अनुभव वाला एक नया थिएटर कमांडर रूसी सेना के इस मिलीट्री आॅपरेशन को पहले से बेहतर लीडरशिप दे सकता है,जिससे टास्क जल्द पूरा हो सकें।
रुस के इस नये जनरल “ड्वोर्निकोव” के बारे में बताया जा रहा है कि वह अब दुश्मन के खिलाफ पहले से ही जारी कई मोर्चों के बजाय सिर्फ डोनबास क्षेत्र पर हीं ध्यान केंद्रित करेंगे। मालूम हो कि 60 वर्षीय ड्वोर्निकोव सीरिया में रूस के मिलिट्री ऑपरेशन के पहले कमांडर थे,जब पुतिन ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का समर्थन करने के लिए सितंबर 2015 में वहां सेना भेजी थी। जहां सितंबर 2015 से जून 2016 तक सीरिया में ड्वोर्निकोव के कुशल लीडरशिप में रूसी फाइटेर एअरक्राफ्ट ने अपने आॅपरेशन को बेहतरीन ढंग से अंजाम दिया था।
जहां इस दौरान आॅपरेशन की रणनीति के तहत रूसी फौज दुश्मन के कब्जे वाले पूर्वी अलेप्पो को घेर लिया,इसके बाद घनी आबादी वाले इलाके में भयानक बमबारी की गई,जिससे बड़े पैमाने पर नागरिक भी हताहत हुए थे,लेकिन जल्द यह इलाका वर्ष 2016 में सीरिया के सरकारी बलों के कब्जे में आ गया। इसी रणनीति के तहत रूसी सेना ने यूक्रेन के भी कुछ इलाकों पर किया इसी तरह से अपने हमलों को अंजाम दिया है,इस दौरान रूसी सेना ने यूक्रेन के प्रमुख शहरों के आवासीय इमारतों को भी टारगेट किया और इन्हें तबाह कर दिया,इसी कड़ी में यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल को भी अपने भीषण हमलों में बर्बाद कर दिया,शायद यहीं वजह रही कि मारियुपोल में यूक्रेन के सैनिकों ने रुसी फौज के आगे सरेंडर कर दिया,और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी ने भी इस शहर को लेकर निराशा व्यक्त किया था। इस रूसी जनरल के बारे में बेहद चौंकानें वाली रिपोर्ट सामने आई है,जिसमें बताया जा रहा है कि यह अपने आॅपरेशन को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है,क्योंकि अभी दो दिन पहले यूक्रेन के जिस रेलवे स्टेशन पर मिसाइल हमला हुआ था,इस हमले का आदेश इसी जनरल ने दिया था,फिलहाल पुतिन का यह नया जनरल क्या कमाल दिखाता है ? यह तो आने वाला वक्त हीं बता सकता है।