स्पेशल रिपोर्ट

पाकिस्तान के नव नियुक्त प्रधानमंत्री ने पत्र लिखकर भारत से की शांति की अपील, इसके पहले भी पाक के कई हुक्मरान दे चुके हैं शांति की दुहाई, फिर उपहार में आतंकी हमलों की सौगात भी दिये है भारत को – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


पाकिस्तान के नव नियुक्त प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (फाईल फोटो)

इस्लामाबाद/नई दिल्ली। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट सामने आई है कि पाकिस्तान के नव नियुक्त प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच सार्थक संबंध की वकालत की है। दरअसल,अभी हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने शरीफ को बधाई संदेश देने के बाद कहा था कि भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ संरचनात्मक संबंध का इच्छुक है।

दरअसल,अभी हाल ही में पीएम मोदी ने ट्वीट करके शरीफ को उनके प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी थी और कहा था कि भारत आतंकवाद मुक्त क्षेत्र में शांति और स्थायित्व का इच्छुक है। उनके बधाई संदेश के जवाब में शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान,भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध चाहता है।

वहीं इसी कड़ी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी को धन्यवाद। पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध का इच्छुक है। जम्मू और कश्मीर सहित बकाया विवादों का शांतिपूर्ण समाधान अपरिहार्य है। आतंकवाद से संघर्ष में पाकिस्तान का बलिदान भी जगजाहिर है। आइए शांति स्थापित करें और अपने लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान दें।’

यह तो रहा डिप्लोमेसी का प्रोटोकॉल लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हीं है,बता दे कि जिस शांति की दुहाई दे रहे हैं शरीफ वह शांति पाकिस्तान के शब्दकोश में है हीं नहीं, वजह साफ है कि जबतक पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसियां ईमानदारी से डिप्लोमेसी की बातचीत नहीं करेंगे तब तक इन दोनों देशों के बीच शांति वार्ता का कोई अर्थ हीं नहीं है। दरअसल, चूंकि जिस दिखावटी शांति वार्ता की बात शरीफ कर रहे हैं वह बस एक दिखावा मात्र है ताकि दुनिया में यह संदेश जाये कि पाकिस्तान गलत नहीं है। क्योंकि जबसे भारत में NDA की सरकार आई है तभी से पाकिस्तान के उपर शामत आई हुई है जिससे वह कई फ्रंट पर भारी नुकसान का सामना कर रहा है। यहां तक कि अपने तमाम हरकतों की वजह से वह दुनिया से अलग-थलग हो चुका है, इस वजह से उसे दुनिया के कई देश उससे दूर होते जा रहे हैं,व्यापार ही नहीं तमाम चीजे प्रभावित हुई है। रही बात शरीफ की शांति दुहाई का तो साफ कर दिया जा रहा है कि इससे पहले भी पाकिस्तान के जितने भी हुक्मरान आये वे सभी भी इस तरह से भारत के सामने आये लेकिन बाद में भारत को तमाम आतंकी घटनाओं का उपहार दिये तो ऐसे में शांति की बातचीत कैसे संभव है ?…

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