एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन जंग के बीच अब दुनिया में खुला लड़ाई का दूसरा फ्रंट, NRF ने मसूद की लीडरशिप में पंजशीर में तालिबान के उपर किया भीषण हमला, 3 जिलें भी छीना, तालिबान में मचा हड़कंप – सतीश उपाध्याय/अमरनाथ यादव

काबुल/पंजशीर। आज 9 मई दुनिया के लिए बेहद अहम साबित हुई है,एक तरफ रूस-यूक्रेन जंग को लेकर रूस द्वारा पहले से ही किये गये 9 मई के ऐलान को लेकर पूरी दुनिया अब थोड़ा राहत महसूस कर रही है,चूंकि भय था कि कहीं जीत की सनक में रूस,यूक्रेन सहित नाटों के कई देशों पर भी हमला करने के साथ-साथ परमाणु हमला न कर दे,लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं,तो वहीं दूसरी तरफ खूंखार तालिबानी आतंकियों के खिलाफ जंग की रणभेरी बज गई,जहां बताया जा रहा है कि अहमद मसूद के नेतृत्‍व में नैशनल रजिस्‍टेंस फोर्स के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ भीषण हमला शुरू कर दिया हैं।

इस दौरान NRF लड़ाकों द्वारा दावा किया जा रहा है कि उन्‍होंने पंजशीर घाटी के तीन ज‍िलों पर कब्‍जा कर लिया है। इस बीच तालिबान ने विद्रोहियों को कुचलने के लिए हेलिकॉप्‍टर से हमले करने शुरू किए हैं। जहां यह भी दावा सामने आ रहा है कि इस ताजे जंग में तालिबान के 20 आतंकी मार गिराये गए हैं।

एनआरएफ के प्रवक्‍ता और विदेशी मामलों के प्रमुख अली नजारे ने कहा कि अहमद मसूद के आदेश पर पंजशीर घाटी के 3 बड़े जिलों को मुक्‍त करा लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि मसूद समर्थकों ने इन जिलो में मुख्‍य सड़क, सैन्‍य चौकियों और गांवों पर कब्‍जा कर लिया है। उन्‍होंने कहा, ‘तालिबान के कई लड़ाकुओं ने आत्‍मसमर्पण के लिए समय मांगा है। दुश्‍मन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।’

इसी कड़ी में नजारी ने आगे भी कहा कि उत्‍तरी अफगानिस्‍तान के 12 प्रांतों में मसूद समर्थकों का तालिबानियों के खिलाफ सशस्त्र अभियान जारी रहेगा जहां उसके लड़ाकुओं की उपस्थिति है। इस बीच तालिबान ने नजारी के दावे को खारिज किया है। उसने दावा किया कि पंजशीर या देश के किसी अन्‍य हिस्‍से में कोई सैन्‍य घटना नहीं हुई है। तालिबानी प्रवक्‍ता जबीउल्‍ला ने कहा कि मीडिया में किया जा रहा दावा गलत है। उधर, पंजशीर के लोगों का कहना है कि रात के समय भीषण लड़ाई हो रही है।

इसी बीच अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने NRF के इस जंगें आजादी की लड़ाई से उत्साहित होकर ट्वीट करके कहा कि यह पवित्र प्रतिरोध है। हां यह कुछ इलाकों में ही सिमटा हुआ है लेकिन यह संघर्ष की प्रकृति है। जिस तरह से कागज पर तेल की एक बूंद गिरने पर वह जल्‍द ही पूरे कागज पर फैल जाती है। यह संघर्ष फैल जाएगा। जनता को अपनी पसंद का नेता और सरकारी सिस्‍टम चुने जाने का अधिकार दिए जाने तक इस संघर्ष को कोई रोक नहीं सकता है।’

बता दे कि अभी हाल ही में अफगान सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे शादात ने ऐलान किया था कि ईद के बाद तालिबान के खिलाफ लड़ाई होगी,जो कि आज साबित हो गया,अब लग रहा है कि इस बार के जंग में तालिबान अफगानिस्तान की धरती से पूरी तरह से नेस्तनाबूद हीं हो जाएगा।

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