सांकेतिक तस्वीर।
श्रीनगर/कुलगाम। एक दिन पहले घाटी में हुए रजनी बाला की हत्या के विरोध में विरोध प्रदर्शन जारी है। मृत रजनी की अंतिम यात्रा के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारी बुधवार को सड़कों पर उतर आए और ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए। इस बीच कश्मीरी पंडितों की तरफ से साफ चेतावनी दी गई है कि अगर प्रशासन ने उन्हें 24 घंटे के भीतर सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया तो वे घाटी छोड़ देंगे।
बता दे कि एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कश्मीरी पंडित समुदाय अब कश्मीर के संवेदनशील जिलों से पलायन की तैयारी पर है। वहीं,इस रिपोर्ट के सामने आते हीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन्हें उनके ट्रांजिट कैंपों तक सीमित कर दिया है।
गौरतलब है कि मंगलवार सुबह कुलगाम के गोपालपोरा इलाके में हाई स्कूल टीचर रजनी बाला की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। 36 साल की रजनी को सिर में गोलियां लगी थीं। कुलगाम की रहने वाली टीचर ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। 20 दिन में दूसरी हत्या को लेकर कश्मीरी पंडित अब विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ अब वही हो रहा है, जो 1990 के दशक में उनके साथ हुआ था। उन्हें उनके घरों, दफ्तरों और सड़कों पर निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें मारा जा रहा है, उनकी हत्याएं की जा रही हैं। यह मानवता और देश के खिलाफ है और इसे रोकने के लिए कोई कुछ नहीं कर रहा है।
दरअसल,कश्मीर में टारगेट किलिंग बीते साल के अक्टूबर में शुरू हुई। जहां इस दौरान पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए थे। जिनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और प्रवासी हिंदू शामिल है, जो नौकरी की तलाश में आए थे। 14 अप्रैल को आतंकियों ने सतीश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले शनिवार को आतंकियों ने अली जान रोड स्थित ऐवा ब्रिज पर पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।