
सांकेतिक तस्वीर।
कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी खुफिया ऐजेंसी ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा करते हुए दावा किया है कि यूक्रेन के ऐजेंट रूसी पायलटों को रूस के फाइटेर एअरक्राफ्ट के साथ अपने देश में आने का लालच दे रहे थे। इस ऑपरेशन में नाटों देशों की खुफिया ऐजेंसियां भी संलिप्त है। रशियन खुफिया ऐजेंसी एफएसबी ने आगे यह भी यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में शामिल यूक्रेन की खुफिया ऐजेंसी के सीक्रेट ऐजेंटों और उनके सहयोगियों की पहचान कर ली गई है। बता दे कि इस सीक्रेट ऑपरेशन का खुलासा होने के बाद रूस के सभी हवाई अड्डों और सैन्य ठिकानों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। इतना ही नहीं,रूसी पायलटों व अन्य अधिकारियों की निगरानी भी की जा रही है।
दरअसल,रूसी ऐजेंसी एफएसबी ने दावा किया है कि रूसी संघीय सुरक्षा सेवा ने यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय के मुख्य खुफिया निदेशालय के ऑपरेशन को रूसी एयरोस्पेस बलों के लड़ाकू विमानों को हाईजैक करने के लिए रोक दिया है। इस ऑपरेशन की निगरानी नाटो की स्पेशल सर्विसेज ने की। बयान में कहा गया है कि यूक्रेनी सैन्य खुफिया अधिकारियों ने अपने देश के राजनीतिक नेतृत्व की ओर से काम करते हुए, रूसी सैन्य पायलटों को इनाम और यूरोपीय संघ के देशों में से एक की नागरिकता प्राप्त करने की गारंटी के लिए भर्ती करने की कोशिश की। यूक्रेनी अधिकारियों ने रूसी पायलटों को अपने देश से हवाई क्षेत्रों में लड़ाकू विमानों को उतारने के लिए मनाने का प्रयास किया।
यही नहीं,रशियन ऐजेंसी ने यहां तक कहा कि ब्रिटेन इस ऑपरेशन में यूक्रेन को बड़ी सहायता प्रदान कर रहा है। दावा किया गया है कि खोजी पत्रकार समूह बेलिंगकैट के एक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर क्रिस्टो ग्रोजेव ने इस ऑपरेशन में भाग लिया है। एफएसबी ने आगे भी बताया कि ग्रोजेव ने यूक्रेनी एजेंट की मदद से मॉस्को में एक पायलट से संपर्क किया था। उन्होंने किसी भी पायलट को रूसी लड़ाकू विमान को हाईजैक कर यूक्रेन में उतारने के लिए 4000 डॉलर की अग्रिम भुगतान की पेशकश भी की थी। हालांकि,यह राशि सिर्फ बुकिंग अमाउंट की तरह ही था।
रशियन ऐजेंसी ने कहा कि रूसी पायलटो को आॅफर दिया गया है कि अगर वे रूस के फाइटेर एअरक्राफ्ट Su-24, Su-34,या Tu-22 विमानों को हाईजैक करते हैं तो उन्हें दो मिलियन डॉलर तक नकद दिया जाएगा। इतना ही नहीं, ऑपरेशन सफल होने पर इन पायलटों को यूरोपीय संघ के देशों में बसने और सुरक्षा का पूरा भरोसा भी दिया गया है। एफएसबी ने यह भी बताया कि एक फोन कॉल के दौरान एक यूक्रेनी अधिकारी ने खुलासा किया कि यूक्रेनी शहरों की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम्स को तैनात किया गया है। फिलहाल,इस ताजे खुलासे के बाद रूसी ऐजेंसियां अतिरिक्त निगरानी एवं सतर्कता बरत रही है।
गौरतलब है कि इस साल बीते 24 फरवरी से रूसी फौज लगातार यूक्रेन के खिलाफ एक स्पेशल मिलिट्री आॅपरेशन चला रही है,जहां इस दौरान रूसी हमलें में यूक्रेन के कई शहर नेस्तनाबूद हो चुके हैं,जिस वजह से यूक्रेन के कई लाख सिविलियन पड़ोसी देशों में शरण ले रखे हैं। हालांकि इस जंग में रूसी फौज को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। फिलहाल,अभी तक रूसी सेना यूक्रेन पर पूरी तरह से कब्जा नहीं कर सकी है। लेकिन रूस द्वारा यूक्रेन के कुछ शहरों पर आंशिक कब्जे की रिपोर्ट सामने आई है। और जंग अभी भी जारी हैं।
