इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन जंग में बेहद चौंकाने वाला दावा आया सामने, पाकिस्तान से ब्रिटिश प्लेन लगातार यूक्रेन को पहुंचा रहे हैं सैन्य मदद – चंद्रकांत मिश्र/सतीश उपाध्याय


सांकेतिक तस्वीर।

इस्लामाबाद/कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग में बेहद सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। दावे में कहा जा रहा है कि ब्रिटिश एअरफोर्स का एक माल वाहक विमान बेहद गोपनीय तरीके से पाकिस्तान से यूक्रेन के लिए भारी मात्रा में हथियार पहुंचा रहा है। दरअसल,ब्रिटिश प्लेन इस महीने की शुरुआत से ही हर रोज पाकिस्तान से होकर यूक्रेन जा रहा है। जहां फ्लाइट ट्रैकिंग के डेटा से पता चला है कि ब्रिटेन का C-17 ग्लोबमास्टर रोमानिया से उड़ान भरकर पाकिस्तानी शहर रावलपिंडी में एक एयरबेस पर जाता है।

ऐसे में यह साफ हो गया है कि ब्रिटेन की यह फ्लाइट स्पष्ट रूप से यूक्रेन के सपोर्ट मिशन से जुड़ी हुई है। और यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ब्रिटेन की सेना के इस विमान से किस तरह का साजो-सामान एयरलिफ्ट किया जा रहा है। बता दे कि ग्लोबमास्टर 77,000 किलोग्राम तक कार्गो ले जा सकता है।

दरअसल,ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स विमान साइप्रस के भूमध्यसागरीय द्वीप पर स्थित अक्रोटिरी बेस (ब्रिटिश क्षेत्र) से उड़ान भरता है। जहां इसे सबसे पहले ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस जैसे फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों का इस्तेमाल करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्रैक किया था। फ्लाइट्स में RAF का बोइंग C-17A ग्लोबमास्टर III शामिल था,जिसका कॉल साइन ‘ZZ173’ बताया जा रहा है।

और इस एअर लिफ्ट सपोर्ट मिशन को 6 अगस्त से ही लगातार ट्रैक किया जा रहा है। इसी ग्लोबामास्टर विमान को मंगलवार को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में ट्रैक किया गया था। दावा किया जा रहा है कि इसने साइप्रस से उड़ान भरी और पाकिस्तान वायु सेना के रावलपिंडी में स्थित नूर खान एयरबेस पर उतरा।

बताते चले कि फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों ने अपने खुलासे में साफ किया है कि ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स की उड़ानें पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले मिस्र,सऊदी अरब और ओमान हवाई क्षेत्र से होकर व ईरान और अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र के करीब से गुजरती हैं।

इसी कड़ी में एक और दावा सामने आया है जिसमें कहा गया है कि यूक्रेनी बड़े आर्टिलरी गन 155mm गोला बारूद का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि यह गोला-बारूद पाकिस्तान की एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बनाती है। यही नहीं पाकिस्तान में 320 से अधिक यूक्रेनी T-80UD टैंक भी हैं और उनके रखरखाव, संचालन,गोला-बारूद और स्पेयर पार्ट्स का एक पूरी तरह से पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री पर हीं निर्भर हैं। यहां तक कि छोटे हथियारों के गोला-बारूद भी यही कंपनी बनाती है जो यूक्रेनी सैन्य राइफलों के अनुकूल हैं। चूंकि पाकिस्तान और यूक्रेन के घनिष्ठ सैन्य संबंध पहले से ही रहे हैं और इस्लामाबाद ने भी एक दशक से अधिक समय से सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को कीव में राजदूत के रूप में तैनात किया है। फिलहाल,यह खुलासा अपने आप में बेहद सनसनीखेज खुलासा है और इस जंग में अबतक दिखावटी खामोशी पाकिस्तान की तरफ से जो दिखाई दे रही थी उस पर से अब पर्दा उठ चुका है और पाकिस्तान-यूक्रेन की दोस्ती एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने आ गई है।

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