इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

इटली में पहचानी गई कथित रूसी महिला जासूस, भेद खुलने से पहले ही दुश्मन के नजरों से हुई ओझल – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


सांकेतिक तस्वीर।

नेपल्स। दुनिया एक तरफ रूस-यूक्रेन जंग का सामना कर रही है तो वही दूसरी ओर इस जंग से जुड़े देशों की खुफिया ऐजेंसियां भी हरकत में है। जहां इस दौरान रूस की सैन्य खुफिया ऐजेंसी से जुड़ी एक महिला जासूस नाटों से जुड़े लोगों के काफी करीब पहुंचने में सफल हो गई। इससे पहले यह रूसी महिला जासूस अपने मिशन को पूरा करती कि उसके पहले ही उसका पर्दाफाश हो गया है। लेकिन इस बीच वह मौका पाकर भागने में सफल हो गई। इस महिला जासूस के बारे में दावा किया गया है कि यह एक दशक तक लैटिन अमेरिकी आभूषण डिजाइनर के रूप में काम किया और नेपल्स स्थित नाटों कर्मचारियों के साथ पार्टी भी की।

एक मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि इस महिला जासूस का नाम मारिया एडेला कुहफेल्ट रिवेरा है। उसने लोगों को बताया कि वह एक जर्मन पिता और पेरू की मां की संतान है। वह पेरू के कैलाओ शहर में पैदा हुई थी।

इसके बारे यहां तक बताया जा रहा है कि इसे खुफिया समुदाय अवैध,डीप-कवर एजेंट कहता है जिसे विदेशी के रूप में पेश करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। बता दे कि मॉस्को की खुफिया एजेंसियों ने सोवियत काल की शुरुआत से ही अपने सीक्रेट मिशन को अंजाम देने के लिए गैर-कानूनी तरीकों का इस्तेमाल किया है। कभी-कभी तो ये दशकों तक अपनी नकली पहचान में ही रहते हैं। रिवेरा के बारे में यह भी कहा गया है कि यह अवैध रूप से रोम,माल्टा और पेरिस में भी रह चुकी है। वह अंतत: वर्ष 2013 के आसपास नेपल्स में बस गई,जहां नाटों के सहयोगी संयुक्त बल कमान का दफ्तर है।

यहां उसने सेरेन नामक एक आभूषण बुटीक की स्थापना की और एक सक्रिय सामाजिक जीवन गुजारने लगी। उसके परिचितों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय लायंस क्लब की नेपल्स शाखा में सचिव की भूमिका निभाकर,वह कई नाटो कर्मचारियों और अन्य सहयोगियों से मित्रता करने में सक्षम थी। इसी कड़ी में नाटो के एक कर्मचारी के हवाले से यह बताया गया कि उसका ‘रिवेरा’ के साथ एक संक्षिप्त रोमांटिक संबंध था। ऐसा लगता है कि ‘रिवेरा’ को उसके मालिकों ने वापस ले लिया था, क्योंकि उन्हें डर था कि समान पासपोर्ट नंबर वाले अन्य ऑपरेटरों से समझौता किया जा सकता है। लगता है कि उसने दोबारा रूस नहीं छोड़ी है। फिलहाल,यह कथित रूसी महिला जासूस मौके की नजाकत भांपते हुए दुश्मन की नजरों से ओझल होने में सफल रही।

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