फाईल फोटो, साभार (सोशल मीडिया)
मॉस्को। पिछले 6 महिनों से लगातार जारी रूस-यूक्रेन जंग में रुसी फौज की झुंझलाहट अब साफतौर पर सामने आने लगी है। दरअसल,एक तरफ रूसी हमलों का सामना करते हुए यूक्रेन भारी तबाही का सामना कर रहा है तो वही दूसरी ओर रूसी फौज को भी यूक्रेन के काउंटर अटैक में काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस जंग में रूसी फौज अभी तक अपने मंजिल से दूर क्यों है ? वजह साफ है अमेरिका सहित नाटों के तमाम सदस्य देश खुलकर यूक्रेन को सैन्य आपूर्ति कर रहे हैं। शायद यही बड़ी वजह है जो कि छह महीने की लड़ाई में रूस को लगातार मिल रहीं विफलताओं से परेशान एक निराश रूसी कमांडर ने यहां तक कह दिया कि व्लादिमीर पुतिन को अब हाइपरसोनिक मिसाइलों से ब्रिटेन को उड़ा देना चाहिए इससे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का एक मजबूत सहयोगी खत्म हो जाएगा। चूंकि,यूक्रेन के साथ लीड रोल में ब्रिटेन हीं खड़ा है।
दरअसल, रूस के क्रेमलिन स्टेट टीवी पर रूसी फौज के मिलिट्री कमांडर एंड्री गुरुलेव ने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइल हमलों का इस्तेमाल ‘ब्रिटिश द्वीपों का सफाया’ करने के लिए किया जाना चाहिए। रूसी टैंक कमांडर के रूप में काम कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि बड़े पैमाने पर विश्वयुद्ध की ओर बढ़ने के बजाय इससे यूक्रेन का युद्ध खत्म हो जाएगा और पुतिन जीत जाएंगे। उन्होंने यहां तक कहा कि लंदन को यह पता है कि रूस की हाइपरसोनिक मिसाइलों से बचने का कोई रास्ता नहीं है।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरुलेव ने यह भी कहा कि यह बात उन्हें (ब्रिटेन) भी पता है कि मुख्य लक्ष्य जर्मनी या फ्रांस नहीं हैं बल्कि ब्रिटिश द्वीप हैं। यह सबसे करीबी और अच्छा लक्ष्य है जो हमें यूक्रेन युद्ध के नतीजों को बदलने का मौका देगा। इसलिए मुझे लगता है कि ब्रिटिश द्वीपों का पूरी तरह सफाया करके हम कहानी को खत्म कर पाएंगे। ब्रिटिश द्वीप को स्पष्ट करते हुए उन्होंने आयरलैंड का भी नाम लिया जो 1930 के दशक से तटस्थ है।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरूलेव ने यह भी दावा किया कि Zircon मिसाइलों की बमबारी ब्रिटेन को ‘थर्ड वर्ल्ड’ के स्तर तक गिरा देगी। उन्होंने आगे भी कहा कि रूस की हाइपरसोनिक मिसाइलों में असाधारण विनाशकारी क्षमता है जो लगभग परमाणु हथियार के बराबर है। उनसे पूछा गया कि क्या वर्तमान में ब्रिटेन रूस के खिलाफ जंग की तैयारी कर रहा है ? तो जवाब में उन्होंने कहा कि हां,वे हमसे युद्ध की तैयारी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले 6 महिनों से लगातार यूक्रेन रूसी फौज के भीषण हमलों का दंश झेल रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी वह सरेंडर करने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह साफ हो जाता है कि यूक्रेन को अपनी सैन्य शक्ति पर अभी भी भरोसा है तथा उसे उम्मीद भी है कि इस जंग का परिणाम यूक्रेन के पक्ष में ही होगा। यूक्रेन पर फतह की देरी में जनरल गुरूलेव का धैर्य डोल चुका है और वें चाहते हैं कि अब फालतू में खून बहाने से बेहतर है कि अब बिना देर किये इन घातक शस्त्रो का उपयोग हो ताकि परिणाम जल्द से जल्द रूस के पक्ष में हो। हालांकि,रूस के एकलौते जनरल गुरूलेव ही नहीं है इस शस्त्र के प्रयोग में बल्कि कई रूसी भी शामिल है।