सांकेतिक तस्वीर।
ताइपे/वॉशिंगटन। चीन-ताइवान के बीच जारी भीषण तनातनी के दौरान अमेरिका ने आग में घी डालते हुए चीन के खिलाफ एक और कदम बढ़ाया है। जहां इस दौरान अमेरिका ने ताइवान को करीब 1.1 अरब डॉलर, यानी 8,768 करोड़ रुपए के हथियार देने का निर्णय लिया है। बता दे कि इन हथियारों में 60 हारपून एंटी-शिप मिसाइल,साइडविंडर मिसाइल, रडार वॉर्निंग सिस्टम और 100 एयर-टु-एयर मिसाइलें भी शामिल हैं।
दरअसल,ताइवान पर चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए अमेरिका ने सैन्य मदद दिये जाने का निर्णय लिया है। इधर, चीन की सरकार US के इस फैसले से बेहद बौखलाहट में है। यही नहीं चीन ने अंजाम भुगतने की धमकी तक दे डाली है।
बता दे कि ताइवान की मदद में अमेरिका के इस फैसले से वॉशिंगटन में स्थित चीनी दूतावास ने अमेरिका से इस डील को कैंसल करने के लिए कहा है। जहां दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा कि इस डील से वॉशिंगटन और बीजिंग के संबंध खतरे में आ जाएंगे और चीन इसके खिलाफ जवाबी कदम उठाएगा। ऐसा करके अमेरिकी सरकार चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है।
बताते चले कि इस तनावपूर्ण माहौल में अमेरिकी नेवी ने 28 अगस्त को अपने दो बेहद खतरनाक और हाईली एडवांस्ड न्यूक्लियर वॉरशिप ताइवान की खाड़ी में तैनात कर दिए। दरअसल, चीन ने ताइवान के चारों ओर अपने J-20 फाइटर जेट और युद्धपोतों की तैनाती कर दी है। जहां इसका अमेरिका सख्त जवाब दे रहा है। ऐसे में यह साफ हो गया है कि चीन जितना ज्यादा आक्रामक होगा,अमेरिका उससे ज्यादा उसे जवाब देगा।