
सांकेतिक तस्वीर।
नई दिल्ली/बीजिंग। इसी महिने के बीते 14 तारीख को जब 16वें दौर की वार्ता के बाद भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट रही थी तो इस बीच सेटेलाईट तस्वीरों के जरिए दुश्मन की बेहद हैरानी भरी हरकत सामने आई है। जहां इस सेटेलाईट तस्वीर में यह खुलासा हुआ है कि चीनी सैनिक भारत के साथ जंग लड़ने की पूरी तैयारी करके बैठे थे, क्योंकि जब वे पीछे हट रहे थे तो सेटेलाईट तस्वीरों में चीनी सैनिकों के कई मिलट्री बेस भी दिखाई दे रहे थे जिसे नष्ट करके उसके मलबों को चीनी सैनिक समेटकर वापस हो रहे थे। हालांकि,अब चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स में एलओसी के पार कब्जे वाले स्थान से 3 किमी पीछे हट गए हैं। बता दे कि दुश्मन का यह मिलिट्री बेस ऐसे इलाके के पास था जहां 2020 में भारतीय सेना गश्त करती थी।
बताते चले कि एक गैर सरकारी भारतीय मीडिया समूह ने Maxar ईमेजरी के हवाले से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए यह दावा किया है कि 12 अगस्त 2022 की सैनिकों की वापसी से पहले की तस्वीरों से पता चलता है कि चीन की सेना ने एलएसी के पार एक बड़ी इमारत का निर्माण किया था।
और यह इमारत उस क्षेत्र के निकट थी जहां 2020 में लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ से पहले भारतीय सेना गश्त करती थी। यह इमारत खाइयों से घिरी हुई प्रतीत होती है। इसी कड़ी में 15 सितंबर की भी एक सेटेलाईट तस्वीर सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि चीन के सैनिकों ने इस इमारत को गिरा दिया और निर्माण के मलबे को इस साइट से उत्तर में एक अस्थायी बेस तक ले जाया गया। दूसरी ओर लद्दाख में लोकल काउंसलर्स के मुताबिक समझौते के हिस्से के रूप में भारतीय सेना ने भी अपनी सीमा के भीतर अपनी पोस्ट को हटा लिया है।
हालांकि इसकी पुष्टि भारतीय सेना के अधिकारियों ने नहीं की है। वहीं,चुशुल क्षेत्र के काउंसलर कोंचोक स्टेनजिन ने कहा है कि हमारे सैनिक न केवल पैट्रोल पॉइंट 15 से बल्कि पैट्रोल पॉइंट 16 से भी वापस चले गए हैं, जो हमारे पास पिछले 50 से अधिक साल से था। उन्होंने आगे यह भी कहा कि यह एक बड़ा झटका है। हमारे चरागाह अब बफर जोन में बदल चुके हैं। यह मुख्य शीतकालीन चारागाह था जो अब एक बफर जोन है।
दरअसल,इस साल के बीते जुलाई में दोनों देशों के बीच 16वें दौर की वार्ता के बाद इस महिने के बीते 14 सितंबर को समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई,लेकिन अब कुछ भारतीय मीडिया समूहों ने भारतीय सेना के रिटायर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों एवं स्थानीय नागरिकों के हवाले से यह दावा किया है कि जिन इलाकों में भारतीय सेना पिछले 50 सालों से कब्जा की हुई थी, अब उन इलाकों को बफर जोन घोषित करने के बाद वहां से पीछे हट गई है जो कि सवालों के घेरे में है। लेकिन बेहद हैरानी भरी रिपोर्ट यह है कि जब चीनी सैनिक पीछे हट रहे थे तो कुछ इमारतें ऐसी भी दिखाई दी कि जिससे साफ पता चलता है कि दुश्मन जंग की पूरी तैयारी में था,हालांकि अब उन इमारतो को चीनी सैनिकों ने खुद ही गिराकर उसके मलबों के अपने साथ ले जा चुके हैं,जैसा कि सेटेलाईट तस्वीरों के हवाले से जिक्र किया गया है।
