एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

भारत के खिलाफ पाकिस्तान की एक और घातक साजिश की रिपोर्ट आई सामने, कनाडा में भारत विरोधी तत्वों के साथ पाक राजनयिक ने की सीक्रेट मीटिंग, मचा हड़कंप – सतीश उपाध्याय/रविशंकर मिश्र


सांकेतिक तस्वीर।

ओटावा। भारत के खिलाफ पाकिस्तान की एक और बड़ी साजिश की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि कनाडा में पाक राजनयिक जनबाज खान ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थक दो गुरुद्वारों में अलगाववादियों के साथ सीक्रेट मीटिंग की है।

दरअसल, भारत विरोधी तत्वों ने कनाडा में 18 सितंबर को खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह किया था। यह जनमत संग्रह ओंटारियो के ब्रैम्पटन में कराया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी दिन पाकिस्तानी महावाणिज्य दूत जनबाज खान ने वैंकूवर के सर्री में खालिस्तान का समर्थन करने वाले दो गुरुद्वारों का दौरा किया था। वहीं,जनबाज खान के इस दौरे के पीछे यह वजह बताया गया कि वह गुरुद्वारों को धन्यवाद करने गए थे क्योंकि वहां से बाढ़ ग्रस्त पाकिस्तान को चंदा दिया गया है।

बता दे कि पाक राजनयिक जनबाज खान भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में अपना दो कार्यकाल बिता चुके हैं। उन्होंने इसी महीने के 18 सितंबर को अपने वाणिज्य दूतावास के दो अधिकारियों के साथ खालिस्तान समर्थक दशमेश दरबार और गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का दौरा किया था और अलगाववादी पदाधिकारियों के साथ गुप्त बैठकें की थीं।

इन दोनों गुरुद्वारों में से एक गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का अध्यक्ष हरदीप सिंह निज्जर है। निज्जर के खिलाफ सिख कट्टरपंथ के कई आरोप भी हैं तथा इसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित है। पंजाब के फिल्लौर में एक हिंदू पुजारी की हत्या करने की साजिश रचने समेत चार मामलों वह एनआईए की वॉन्टेड लिस्ट में है। निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख और अमेरिका में अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा संचालित सिख फॉर जस्टिस प्लेटफॉर्म का प्रतिनिधि भी है। वहीं, दशमेश दरबार भी अलगाववादी तत्वों और निज्जर के दोस्तों द्वारा चलाया जाता है।

वही,कनाडा में आयोजित किए गए खालिस्तानी जनमत संग्रह पर भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि यह एक हास्यास्पद अभ्यास है जो कनाडा में चरमपंथी और कट्टरपंथी तत्वों द्वारा आयोजित किया गया। इतना ही नहीं भारत ने आगे भी कहा कि कनाडा के अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया गया है,और यह बेहद आपत्तिजनक लगता है कि एक मित्र देश में राजनीति से प्रेरित अभ्यास की अनुमति है। वहीं, भारत की कड़ी आपत्ति के सामने आने के बाद कनाडा ने साफ कर दिया कि वह ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर भारत सरकार के साथ खड़ा है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान हमेशा से खालिस्तान के समर्थन में रहा है, इतना ही नहीं दशकों पहले जब पंजाब में खालिस्तान मूवमैंट चरम पर था तो उस समय पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों में भी बढ़ोत्तरी देखी गई थी। उस दौरान यह रिपोर्ट थी कि पाकिस्तान लगातार इस संगठन को घातक हथियारों के साथ-साथ अन्य मदद पहुंचा रहा था। जहां बाद में भारत सरकार ने आॅपरेशन ब्लू स्टार चलाकर इस मूवमैंट को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया था। लेकिन हाल के कुछ सालों में यह संगठन एक बार फिर से भारत के खिलाफ सक्रिय होता दिख रहा है। जहां इस दौरान पूरा शक पाकिस्तान पर ही है,लेकिन कनाडा में इस ताजे रिपोर्ट ने भारतीय ऐजेंसियों को और भी अधिक सतर्क रहने के लिए मजबूर कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *