
सांकेतिक तस्वीर।
मास्को। जारी जंग के बीच रूस से यूरोप जाने वाली प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम पिछले दिनों बाल्टिक सागर में क्षतिग्रस्त हो गई। जिसे लेकर रूस पर आशंका जताई जा रही है, हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आ सका है,इसके बावजूद भी रूस शक के घेरे में है। ऐसे में माना जा रहा है कि नॉर्ड स्ट्रीम पर हुए हमले के पीछे रूस के ‘फ्रॉगमैन’ स्पेशल फोर्सेस कमांडो हो सकते हैं जो रूस की नौसेना और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए जासूस के रूप में काम करते हैं।
आशंका जताई जा रही है कि रूस ने पाइपलाइन पर हमले के लिए गोताखोरों या ड्रोन सबमरीन का इस्तेमाल किया होगा जिससे नॉर्ड स्ट्रीम 1 में दो और नॉर्ड स्ट्रीम 2 में एक छेद हो गया। बता दे कि रूस के ये कमांडो बेहद अच्छी तरह हथियारबंद, उच्च प्रशिक्षित और बेहद खतरनाक होते हैं। इन्हें ‘फ्रॉगमैन’ कहा जाता है जो काले रंग का स्विम सूट पहनते हैं। इनके पास अंडरवाटर गन होती हैं जिनसे ये गहरे पानी में स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देते हैं। यूनिट में शामिल कमांडो जासूसी और हमले, दोनों तरह के मिशन के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। इन स्पेशल फोर्सेस के पास छोटी पनडुब्बियां, मानवयुक्त टॉरपीडो, स्पेशल हथियार, स्पीड बोट और यहां तक कि प्रशिक्षित डॉल्फिन भी होती हैं। इन्हें आमतौर पर एक युद्धपोत, छोटी नाव या सबमरीन से तैनात किया जाता है जहां से पानी के नीचे खुफिया अभियानों को अंजाम देते हैं।
वहीं,यूरोप का दावा है कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के साथ छेड़छाड़ हुई है। यूक्रेन और पोलैंड ने इसका संदेह रूस पर जताया है। माना जाता है कि पुतिन के फ्रॉगमैन कमांडो GUGI नौसैनिक इकाई के लिए काम करते हैं,जो गहरे पानी में रिसर्च करती है। इसे एक जासूसी विभाग भी माना जाता है जो पानी के नीचे ऑपरेशन में माहिर है, जिसमें गहरे पानी में पाइपलाइन पर हमला जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं। ये फ्रॉगमैन विशालकाय पनडुब्बी से भी तैनात किए जा सकते हैं। मानवयुक्त टॉरपीडो की सवारी करते हुए भी इन्हें इनके गंतव्य तक छोड़ा जा सकता है। पानी के नीचे रूसी शस्त्रागार में डॉल्फिन जैसे कुछ समुद्री जीव भी शामिल हैं जो जरूरत पड़ने पर हमला भी कर सकते हैं।
हालांकि,ठोस सबूतों के अभाव में सिर्फ कयासबाजी की जा रही है, फिर भी आशंका रूस पर ही है,चूंकि रूस पर शक करने की बड़ी वजह भी है। रूस के पास स्पेशल डॉलफिन फोर्स भी पहले से ही मौजूद है जो कि पानी के भीतर तमाम सैन्य आॅपरेशन को पूरा करने में सक्षम है। शायद यही बड़ी वजह है कि इस पाइपलाइन को क्षति पहुंचाने में चाहे डॉलफिन फोर्स का अथवा फ्रागमैन का सहारा लिया गया हो, कयोंकि रूस के पास यह दोनों फोर्स पहले से ही मौजूद है।
