केन्या में मारे गए पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ,फाईल फोटो।
इस्लामाबाद। बीते सोमवार को जैसे ही पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में गोली मारकर हत्या किये जाने की रिपोर्ट सामने आई,पाकिस्तान की सियासत में पहले से ही चल रहे भीषण तूफान में और भी तेजी आ गई। परिणामस्वरूप पाक फौज के उपर उंगलियां उठनी शुरू हो गई। हद तो तब हो गई जब इमरान खान के राजनैतिक सहयोगी फैसल वादवा ने यह खुलासा कर दिया कि इस हत्याकांड की साजिश पाकिस्तान में हीं रची गई थी। बस फिर क्या था ? सियासी पारा एक बार फिर अपने उफान पर पहुंच गया, जिस वजह से स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि मीडिया से हमेशा दूरी बनाने वाले पाकिस्तानी खुफिया ऐजेंसी के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को सामने आना पड़ा और उन्हें सिलसिलेवार तरीकें से सफाई भी देनी पड़ी,इस दौरान नदीम ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए यह खुलासा किया कि रात को आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात करें और ‘दिन में उन्हें गद्दार’ करार दें यह संभव नहीं है।
दरअसल,डीजी आईएसआई बनने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए अंजुम ने पूछा, ‘अगर आर्मी चीफ गद्दार हैं तो आप उनसे छिप-छिपकर क्यों मिले थे ? उनसे मिलना आपका हक है लेकिन यह संभव नहीं है कि आप रात को उनसे मुलाकात करें और दिन में उन्हें गद्दार बुलाएं।’
बता दे कि केन्या में मारे गए पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ मामले पर मीडिया से बातचीत के दौरान डीजी आईएसआई नदीम ने यह बाते कहीं।
चूंकि,आईएसआई की यह प्रेस कान्फ्रेंस पीटीआई नेता के एक चौंकाने वाले खुलासे के बाद हुई है। क्योंकि,पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता फैसल वादवा ने बुधवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में खुलासा किया था कि अरशद की मौत एक ‘सुनियोजित हत्या’ थी जिसकी साजिश पाकिस्तान में रची गई थी।
इतना ही नहीं उन्होंने आगे यह भी कहा था कि इसके साजिशकर्ता पाकिस्तान में अभी भी मौजूद हैं। जिस पर डीजी आईएसपीआर ने कहा, ‘संस्थानों, नेतृत्व और यहां तक कि आर्मी चीफ पर बिना किसी कारण के ‘अराजक स्थिति’ पैदा करने का आरोप लगाया गया। उन्होंने कहा कि चूंकि अरशद एक खोजी पत्रकार थे, उन्होंने साइफर मुद्दे पर भी ध्यान दिया था। साइफर और अरशद की मौत से जुड़े तथ्यों को खोजने की जरूरत है।
हालांकि,इस हत्याकांड को लेकर “सीक्रेट आॅपरेशन” न्यूज पोर्टल समूह ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि जनरल बाजवा के सेवा विस्तार को प्रभावित करने की नियत से देश में उनका माहौल खराब करने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। और इस कत्ल की साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी जिसके मुख्य सूत्रधार लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद व कुछ अन्य पाक फौज के अफसरान है। जिनका कि जनरल बाजवा से पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है।
गौरतलब है कि इस सप्ताह के बीते सोमवार को केन्या में मारे गए पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की पत्नी जावेरिया ने दावा किया कि उनके पति को केन्या में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। उसके बाद ही पाकिस्तान में सियासी तूफान मच गया, क्योंकि मारे गए पत्रकार का इमरान खान के साथ बहुत करीबी रिश्ता था। इस वजह से अरशद जनरल बाजवा के निशाने पर भी थे। अब ऐसी स्थिति में इस हत्याकांड को लेकर जनरल बाजवा पर उंगली उठनी स्वभाविक थी।