
अरिंदम बागची,भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता,फाईल फोटो।
नई दिल्ली। मिडिल-ईस्ट के ‘कतर’ में पिछले लगभग 65 दिनों से बंद आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को लेकर पहली बार भारत की तरफ से अधिकृत जानकारी सामने आई है। जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि उसे भारतीय नागरिकों तक कांसुलर एक्सेस मिल गया है और वे सभी सुरक्षित हैं। बता दें कि कतर में काम कर रहे आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी इस समय कतरी एमिरी नौसेना को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी की हिरासत में हैं। जहां इस घटनाक्रम के संबंध में एक महिला ट्वीटर यूजर ने खुलासा किया था,लेकिन भारत की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी।
दरअसल,गुरूवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया गया कि भारत को उन तक कांसुलर एक्सेस मिला है। विदेश मंत्रालय ने आगे भी कहा कि कतर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों तक कांसुलर एक्सेस मिला है और उनका हाल चाल जाना है। हमने एक बार और कांसुलर एक्सेस मांगा है। उनकी जल्द रिहाई के प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि करीब एक हफ्ते पहले ये मामला सामने आया था। @DrMeetuBhargava नाम के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था जिसमें कहा गया था कि पूर्व नौसेना अधिकारी दोहा में “57 दिनों से” अवैध हिरासत में हैं। पोस्ट में प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी सहित कई मंत्रियों को भी टैग किया गया था।
इस बीच यह भी दावा किया गया था कि कतर की इस कंपनी द्वारा हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों में फर्म के प्रबंध निदेशक कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) भी हैं। उन्हें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी मिला था। फिलहाल,अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि उन्हें हिरासत में क्यों रखा गया है ?
