सांकेतिक तस्वीर।
वाशिंग्टन/वॉर्सा। आखिर वह वक्त आ हीं गया जिसकी आशंका पिछले 9 महिने से जताई जा रही थी,यानि तीसरे “विश्वयुद्ध” की। क्योंकि,रूस ने नाटों को बहुत बड़ी चुनौती देते हुए नाटों के बार्डर कहे जाने वाले “पोलैंड” पर रुस ने बेहद खतरनाक मिसाइलों से हमला किया है,जिसमें दो लोगों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आई है। हालांकि, मिसाइल हमले को लेकर अभी तक रूस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। जबकि पोलैंड का दावा है कि यह रूसी मिसाइल है,वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि प्राथमिक साक्ष्य यही बता रहे हैं कि इस बात की आशंका न के बराबर है कि मिसाइल को रूस की ओर से दागा गया था।
बाइडेन ने आगे यह भी कहा कि प्राथमिक जांच यह बताते हैं कि मिसाइल रूस की ओर से नहीं दागी गई थी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे यह भी साफ किया कि मैं अभी जांच पूरी होने तक कुछ नहीं कहना चाहता हूं। वहीं जी7 देशों की आपात बैठक आज आयोजित की गई ताकि पोलैंड पर मिसाइल हमले का सामूहिक जवाब दिया जा सके। पोलैंड पर हमले से यूक्रेन युद्ध की आंच के नाटों देशों तक पहुंचने का खतरा मंडरा रहा है। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद ऐसा पहली बार है जब किसी नाटों देश पर हमला हुआ है।
बताया जा रहा है कि यह मिसाइल पोलैंड प्रजेवोडोव के एक गांव में जाकर गिरी। यह इलाका यूक्रेन की सीमा से महज 5 मील की दूरी पर है। इस मिसाइल को यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट किया था। इस मिसाइल हमले के बाद पोलैंड एक्शन में आ गया और उसने अपने फाइटेर जेट को हवा में उड़ा दिया। यही नहीं सेना को भी पोलैंड ने तत्काल अलर्ट कर दिया।
इस बीच मिसाइल हमले की रिपोर्ट सामने आते हीं अमेरिका का रक्षा विभाग “पेंटागन” भी हरकत में आ गया है। जहां इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने भी बाली में जारी G-7 देशों की बैठक के बीच आपात बैठक बुलाई है। नाटों सदस्य देश होने के नाते दुश्मन के सैन्य हमले की सूरत में पोलैंड इस सैन्य गठबंधन के सदस्य देशों को मदद के लिए बुला सकता है। चूंकि,पोलैंड को नाटों के संविधान के आर्टिकल 5 के सामूहिक सुरक्षा की गारंटी हासिल है। उधर, पोलैंड ने रूस के राजदूत को तलब किया है और सफाई मांगी है।
दरअसल,रूसी फौज यूक्रेन के दक्षिणी खेरसाॅन को बीते शुक्रवार को पूरी तरह से खाली करने के बाद वहां से पीछे हट गई, जिसे यूक्रेन के विजय के रूप में देखा जा रहा था लेकिन नाटों देश रूस के इस कदम को बेहद खतरनाक मानते हुए पहले से कही अधिक सतर्क हो गए। जहां इसी कड़ी में बेलारूस में रूस के कई संदिग्ध सैन्य वाहनों के अलावा भारी तादाद में रूसी फौज के इकट्ठा होने की भी रिपोर्ट सामने आई जिससे नाटों देश पूरी तरह से चौकन्ना थे। जहां अब पोलैंड पर मिसाइल हमले की खबर फैलते हीं अमेरिका से लेकर यूरोप तक हड़कंप मच गया है। फिलहाल, ऐसा लगता है कि नाटों अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया तब तक नहीं देंगे जब तक कि यह साबित न हो जाए कि यह रूसी मिसाइल जान बूझकर योजनाबद्ध तरीके से दागी गई है।