रूस के जर्जिस्क में कई वर्षों से बंद पड़े कारखाने के पास चमकदार नीले रंग के आवारा कुत्तों का एक झुंड देखा गया। माना जा रहा है कि ऐसा रासायनिक कचरे से उत्पन्न प्रदूषण के कारण हुआ है।
कुत्तों के ब्लू रंग में बदलने का कारण जर्जिस्क में बंद पड़ी एक कंपनी के पास रासायनिक कचरे का होना बताया जा रहा है। जर्जिस्क में ऑर्गेस्टेकलो कंपनी के पास रहने वाले निवासियों द्वारा कुछ तस्वीरें ली गईं थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि छह साल पहले वित्तीय समस्याओं की वजह से यह फैक्टरी बंद हो गई थी।वहां के जानवरों की तस्वीरें सामने आने के बाद उनकीजांच के लिए स्थानीय अधिकारी इस क्षेत्र में गए थे।
रूस की इस कंपनी में हाइड्रोसेनिक एसिड और मिथाइल मेथाक्रायलेट (प्लेक्सीग्लास) का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता था। इस प्लांट के प्रबंधक एंड्री मिस्लेटिव्स ने प्लांट के दिवालियापन होने का जिक्र करते हुए तस्वीरों की प्रामाणिकता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि इमारतों के आसपास भटक रहे आवारा जानवरों को कुछ कॉपर सल्फेट के टुकड़े मिल सकते हैं जिसे खाने के बाद सूजन का कारण बन सकता है।
आयुक्त ने कहा, ‘हो सकता है जानवरों को कुछ पुराने रसायन, जैसे कॉपर सल्फेट मिले होंं और फिर उन पर इसका असर हुआ हो। कई साल पहले भी कुछ ऐसा ही हुआ था जब आवारा कुत्तों का रंग अप्राकृतिक रूप से बदल गया था।’
उन्होंने कहा कि कोई भी इन कुत्तों को नियंत्रित नहीं करता है और जानवरों को पकड़ने और नसबंदी सुनिश्चित करना कंपनी के लिए संभव नहीं था। जर्जिस्क शहर के अधिकारी कथित तौर पर गुरुवार को निजी भूमि पर जाने की अनुमति मांग रहे थे। वे सोवियत युग की सुविधा में प्रदूषित कुत्तों को पकड़ने और जांचने की योजना बना रहे हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि कुत्तों को पकड़ने की संभावना के बारे में उद्यम के प्रमुखों के साथ बातचीत चल रही है। जानवरों की जांच होनी चाहिए, ‘उनके स्वास्थ्य का आकलन किया जाना चाहिए और उनके बालों का रंग बदलने का कारण पता लगाया जाना चाहिए। ऐसा माना जा रहा है कि जानवरों को कॉपर सल्फेट से रंगा गया हो, यदि ऐसा है तो ये जलन या चुभने वाली सनसनी का कारण बन सकता है जिससे जानवरों को खुजली या सूजन हो सकती है।’