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अफगान आर्मी चीफ की भारत यात्रा टली,तालिबानियों के बढ़ते हमलों के वजह से यह निर्णय हुआ – चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)

अफगान सेना प्रमुख (Afghan Army chief) जनरल वली मोहम्मद अहमदजई (General Wali Mohammad Ahmadzai) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के बढ़ते हमलों को देखते हुए इस हफ्ते होने वाली भारत की अपनी यात्रा को स्थगित कर दिया है. अफगान दूतावास (Afghan embassy) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. ये यात्रा कई महीने पहले ही निर्धारित थी. हालांकि, अहमदजई की यात्रा अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) की नई दिल्ली की यात्रा के बीच होने वाली थी.
जनरल अहमदजई को पिछले महीने अफगानिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था के ऊंचे स्तर पर नियुक्त किया गया था. उन्हें 27 से 30 जुलाई के दौरान भारत की यात्रा पर होना था. अफगान दूतावास ने अधिक जानकारी दिए बिना बताया कि अफगानिस्तान में युद्ध की तीव्रता और तालिबान के बढ़ते हमले और आक्रमण के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई. अहमदजई का अपने भारतीय समकक्ष जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) के साथ बातचीत करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों से मिलने का कार्यक्रम था. इसके अलावा, वह विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षित अफगान कैडेटों से मिलने के लिए पुणे भी जाने वाले थे.

अफगान बलों और तालिबान के बीच जारी है युद्ध
इस यात्रा का मकसद दोनों पक्षों को अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करना था. ये चर्चा ऐसे समय पर होनी थी, जब तालिबान तेजी से देश के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर रहा है और महत्वपूर्ण बॉर्डर क्रॉसिंग को हथिया रहा है. अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध की जानकारी मिल रही है. प्रमुख जिलों और सेंटर्स पर फिर से नियंत्रण के लिए अफगान सुरक्षा बल तालिबान के साथ संघर्ष कर रहे हैं. अमेरिकी और विदेशी सुरक्षा बलों की वापसी के बाद से ही तालिबान ने बढ़त बनाना शुरू कर दिया है. अमेरिका ने हाल ही में तालिबान को बढ़ने से रोकने के लिए हवाई हमले किए थे.

अफगानिस्तान में मौजूद पाकिस्तानी आतंकी हैं भारत की चिंता
वहीं, भारत अफगान सैन्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लगभग 300 कैडेट वर्तमान में देश में प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसके अलावा घायल अफगान सैन्य कर्मियों के चिकित्सा उपचार में भी भारत मदद कर रह है. घायलों का देशभर के अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है. भारत के लिए प्रमुख सुरक्षा चिंता लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे समूहों के 7,000 से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादियों की अफगानिस्तान में मौजूदगी है. ये लड़ाके तालिबान के साथ मिलकर कई इलाकों में लड़ रहे हैं.

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