इजराइल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच चल रहे संघर्ष को देखते हुए पुष्कर में बने इजराइलियों के धर्मस्थल खबाद हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। RAC (राजस्थान आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) के सशस्त्र जवान 24 घंटे सूने पड़े इस विदेशी धर्मस्थल के बाहर पहरा दे रहे हैं। साथ ही CCTV के जरिए भी इस पर निगरानी रखी जा रही है। मैनेजर हनुमान बाकोलिया ने बताया कि यहां लोगों के आने-जाने पर पाबंदी है। अभी यहां पर कोई नहीं रह रहा है।
बीते एक साल से यहां ताले लटके हुए हैं। निकट भविष्य में भी इसके फिलहाल खुलने की संभावना नहीं है। इसका कारण कोरोना के चलते इजराइली धर्म गुरु का नहीं लौटना है। वे गर्मियों में खबाद हाउस को बंद कर स्वदेश चले जाते हैं। ये पांच महीने बंद रहता है और बाद में सितंबर में वापस खुल जाता है। कोरोना की वजह से वे अभी लौटे नहीं हैं। इस साल एक भी पर्यटक खबाद हाउस के आसपास नजर नहीं आया।
समय-समय पर की जाती है सुरक्षा जांच
खबाद हाऊस आतंकियों की हिट लिस्ट में भी शामिल है। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली ने इसकी रेकी की थी। हेडली हमला करने में तो कामयाब नहीं हुआ, लेकिन सरकार ने खबाद हाउस को सुरक्षा के घेरे में ले लिया। समय-समय पर पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी खबाद हाऊस की सुरक्षा की जांच करने आते हैं।
इजराइल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष
इजराइल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच संघर्ष चल रहा है और इसके बाद पिछले सात दिन से वहां बाजार बंद हैं। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। लोग सहमे हुए हैं और दिन-रात मकानों में बने बंकरों में बिता रहे हैं। बमबारी हो रही है। लगातार वॉर्निंग सायरन गूंज रहे हैं। इलाकों की छोटी-छोटी दुकानें कुछ वक्त के लिए खोली जा रही हैं, ताकि लोग जरूरी चीजों को खरीद कर गुजारा कर सकें।
इजराइल में रहते हैं 10 हजार भारतीय
इजराइल में करीब 10 हजार भारतीय रहते हैं। इनमें ढाई-तीन हजार गुजराती हैं, जो राजकोट के अलावा पोरबंदर-जूनागढ़ और वडोदरा सहित इलाकों से हैं। इजराइल की नौ यूनिवर्सिटी में करीब 1200 भारतीय स्टूडेंट हैं। स्टूडेंट्स हॉस्टल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।